बिहार बंद में उपद्रव करने को लेकर तेजस्वी, मदन मोहन झा व उपेंद्र कुशवाहा समेत 27 पर मुकदमा
राजद के बिहार बंद के दौरान हंगामे और उपद्रव को लेकर राजद कांग्रेस और रालोसपा के 27 नेताओं के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है। खबर में देखें किन-किन पर हुआ है मुकदमा।
पटना, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के विरोध में शनिवार को राजद के बिहार बंद के दौरान हंगामे और उपद्रव को लेकर राजद, कांग्रेस और रालोसपा के 27 नेताओं के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है। पटना जिला प्रशासन ने डाकबंगला चौराहे पर मौजूद मजिस्ट्रेट सरोज कुमार तिवारी के बयान पर पटना के कोतवाली थाने में प्रतिबंधित क्षेत्र में हंगामा, सड़क जाम और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई है। सैकड़ों अज्ञात के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है।
प्राथमिकी में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, राजद प्रदेश अध्यक्ष पूर्व मंत्री जगदानंद सिंह, विधायक अब्दुल बारी सिद्दीकी, भाई वीरेंद्र, शिवानंद तिवारी, कांग्रेस के प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, विधायक अवधेश कुमार सिंह, शकील अहमद, रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा आदि नामजद हैं। इन सभी पर आइपीसी की धारा 188, 147, 148, 353, 504, 505 एवं 9 ध्वनि विस्तारक यंत्र अधिनियम 1979 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इसके अलावा सुनील कुमार, आयुष कुमार, सृजन स्वराज, कारी साहेब,पूनम पासवान, ब्रजेश पांडेय, उमेश मिश्रा, मो. अल्मतस, आशुतोष शर्मा, भीम सेना अध्यक्ष अमर आजाद, गौतम कुमार, अजय पासवान, माले नेता अरुण मिश्रा, गणेश शंकर सिंह, वीआइपी पार्टी के संतोष कुशवाहा, डॉ. विश्वास, छोटू सहनी, विकास बॉक्सर को भी आरोपी बनाया गया है। सिटी एसपी विनय कुमार तिवारी ने कहा कि मजिस्ट्रेट के बयान पर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस छानबीन कर रही है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि एनआरसी और सीएए के विरोध में राजद ने शनिवार को बिहार बंद बुलाया था। इस बंद को कांग्रेस और रालोसपा की ओर से समर्थन दिया गया था। बंद का नेतृत्व खुद तेजस्वी यादव कर रहे थे, जबकि उनके साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा भी बिहार बंद के दौरान धरना दिए थे। पटना के डाकबंगला चौराहा पर काफी हंगामा हुआ था। यहां तक कि मीडिया वालों भी राजद के कार्यकर्ताओं ने पीटा था।