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बिहार में शेल्टर होम संचालकों पर बड़ी कार्रवाई, 10 के खिलाफ FIR दर्ज

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की सोशल ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर बिहार में 10 शेल्टर होम संचालकों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। क्‍या है मामला, जानिए इस खबर में।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 21 Aug 2018 10:15 PM (IST)Updated: Wed, 22 Aug 2018 09:09 PM (IST)
बिहार में शेल्टर होम संचालकों पर बड़ी कार्रवाई, 10 के खिलाफ FIR दर्ज
बिहार में शेल्टर होम संचालकों पर बड़ी कार्रवाई, 10 के खिलाफ FIR दर्ज

पटना [राज्य ब्यूरो]। समाज कल्याण विभाग ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस) की सोशल ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर 10 शेल्टर होम के एनजीओ संचालकों पर प्राथमिकी दर्ज करायी है। इनसे शेल्टर होम संचालन का काम वापस ले लिया गया है। वहीं चार शेल्टर होम के एनजीओ को काम में सुधार लाने की हिदायत दी गई है। जिसकी निगरानी सहायक निदेशक के जिम्मे दी गई है।

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विदित हो कि टिस ने रिपोर्ट में सूबे के 17 शेल्टर होम को चिह्नित किया था, जहां मानवाधिकार के उल्लंधन के गंभीर मामले पाए गए थे। रिपोर्ट में संचालकों द्वारा महिलाओं, युवतियों और बच्चों के साथ होनेवाले अमानवीय व्यवहार के बारे में स्पष्ट ब्योरा दिया गया है।

विभाग के सामाजिक सुरक्षा निदेशालय ने पटना के कौशल कुटीर और अल्पावास गृह को बंद कर दिया है। वहां के भिक्षुकों एवं संवासिनों को विभाग के नियंत्रण में संचालित शेल्टर होम में शिफ्ट कर दिया गया है। निदेशालय ने कौशल कुटीर द्वारा प्रशिक्षित युवक के बंधुआ मजदूर के रूप में काम करने की शिकायत की जांच की थी लेकिन वह सत्यापित नहीं हुआ। अधीक्षक पर प्रताडऩा के आरोप के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराया गया है। निदेशालय ने मुजफ्फरपुर के सेवा कुटीर व विकास समिति में मारपीट की शिकायत पर संचालक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है। यहां के बच्चों को पटना में शिफ्ट कर दिया गया है। मोतिहारी के शेल्टर होम में बच्चों की पिटाई के मामले में सखी एनजीओ से काम छीन लिया गया है और संचालक पर केस दर्ज कराया गया है। वहां के सभी बच्चों को जिला बाल संरक्षण इकाई के नियंत्रण में दे दिया गया है। जबकि, भागलपुर में द ब्‍वॉयज चिल्ड्रेन होम के संचालक एनजीओ रुपम प्रगति समाज समिति के कर्मचारी पर बच्चों के साथ मारपीट के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। शेल्टर होम को विभाग ने टेकओवर कर लिया है। मुंगेर की संस्था पनाह के संचालक पर केस दर्ज कराकर उसके बच्चों को विभाग के शेल्टर होम में शिफ्ट कर दिया गया है।

विभाग ने गया के द ब्‍वॉयज चिल्ड्रेन होम जो डीओआरडी संस्था द्वारा संचालित थी उसे बंद कर दिया है। बच्चों को नालंदा के जिला बाल संरक्षण इकाई के अधीन कर दिया गया है। गया के सेवा कुटीर को भी बंद कर दिया गया है। यहां के सभी संवासिनों को पटना में शिफ्ट कर दिया गया है।

मधुबनी के आरवीईएसके और कैमूर के ज्ञान भारती दत्तकग्रहण एजेंसी के संचालकों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। दोनों एनजीओ से काम वापस ले लिया गया है। कैमूर  के ग्राम स्वराज सेवा संस्थान द्वारा अल्पावास गृह में सुधार लाने का निर्देश दिया गया है। अररिया के शेल्टर होम में सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस जवान बहादुर सिंह को हटा दिया गया है। टिस की ऑडिट टीम के समक्ष लड़कों ने उस पर बेरहमी से मारपीट का आरोप लगाया था। मधेपुरा के शेल्टर होम की संचालक महिला चेतना विकास समिति को सुधार करने को कहा गया है।


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