पटना में वित्त आयोग के साथ बड़ी बैठक, CM नीतीश ने रखी विशेष राज्य के दर्जे की मांग
मुख्यमंत्री सचिवालय में वित्त आयोग की टीम के साथ बिहार सरकार के मंत्रियों की अहम बैठक हुई जिसमें सीएम नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की फिर से मांग की है।
पटना [जेएनएन]। पटना स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय में वित्त आयोग की टीम के साथ बिहार सरकार की अहम बैठक हुई, जिसमें सीएम नीतीश कुमार ने आज वित्त आयोग के सामने फिर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग दुहराई है। उन्होंने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की शर्तों को वित्त आयोग फिर से देखे।
बैठक में राज्य सरकार ने पंद्रहवें वित्त आयोग को कहा है कि क्षेत्रीय विषमता दूर किए जाने को ले पंद्रहवां वित्त आयोग बिहार सहित अन्य पिछड़े राज्यों को अतिरिक्त सहायता उपलब्ध कराए। पंद्रहवें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह के समक्ष बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में राज्य सरकार की ओर से दिए गए प्रेजेंटेशन में यह बात कही गई।उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य और आला अधिकारी इस मौके पर मौजूद थे।
ग्रांट इन एड विकल्प को अपनाकर मिले मदद
राज्य सरकार ने अपने प्रेजेंटेशन में यह कहा कि वित्त आयोग क्षेत्रीय विषमता को दूर करने को ले पिछड़े राज्यों को ग्रांट इन एड कंपोनेंट का विकल्प को अपनाकर अतिरिक्त सहायता दे सकता है। इस क्रम में बिहार की उन योजनाओं की चर्चा की गई जिसमें बिहार को अतिरिक्त सहायता की दरकार है।
आपदा प्रबंधन कोष की विषमता अतिशीघ्र दूर की जाए
राज्य सरकार ने अपने प्रेजेंटेशन में डिजास्टर मैनेजमेंट फंड का विषय भी उठाया। यह कहा गया कि चौदहवें वित्त आयोग ने रिस्क इंडेक्स को वैज्ञानिक तरीके से तय करने की बात कही थी और उसी के आधार पर राज्यों को इस मद राशि की हिस्सेदारी निर्धारित होनी थी। दुर्भाग्यवश अभी तक इंडेक्स तय नहीं हो पाया है।
बिहार को इस वजह से उक्त कोष से मात्र 4.2 प्रतिशत की हिस्सेदारी ही मिल पाती है। यह बिहार में आपदा के स्वरूप को देखते हुए काफी कम है। इस विषमता अतिशीघ्र दूर किया जाए। इसी तरह चौदहवें वित्त आयोग ने एसडीआरएफ के गठन को लेकर राशि के संबंध में यह कहा था कि केंद्र सरकार 90 प्रतिशत और राज्य सरकार दस प्रतिशत लगाएगी। पर अभी तक इस अनुशंसा का अनुपालन नहीं हुआ है।
क्षमता संबंधी पात्रता को न्यायपूर्ण तरीके से लागू किया जाए
राज्य सरकार ने अपने प्रेजेंटेशन में कहा कि वर्तमान वित्त आयोग के टर्म ऑफ रेफरेंस (टीओआर) में क्षमता संबंधी पात्रता की बात कही गई। राज्य सरकार का कहना है कि क्षमता संबंधी पात्रता को न्यायपूर्ण तरीके से लागू किया जाए और यह केंद्र सरकार पर भी लागू हो।
राशि हस्तांतरण की मेकनिज्म पारदर्शी हो
राज्य सरकार के प्रेजेंटेशन में यह बल देकर कहा गया कि राज्यों के लिए राशि हस्तांतरण (डिवोल्यूशन) का मेकनिज्म पारदर्शी होना चाहिए। जिस प्रक्रिया के तहत राशि का हस्तांतरण हो उसे बजट डाक्यूमेंट या फिर सप्लीमेंट्री डाक्यूमेंट में लाया जाए। वित्त आयोग द्वारा डेवोल्यूशन के लिए जिस प्रक्रिया को अपनाया जाए वह सभी राज्यों के लिए एक समान हो।
इन जरूरतों के लिए मांगी गई अतिरिक्त मदद
1. कृषि रोड मैप 2. सात निश्चय 3. बिहार स्किल डेवलपमेंट मिशन 4. आर्किलॉजिकल साइट्स के संरक्षण के लिए राशि 5. आधारभूत संरचनाओं के निर्माण और उनके रख रखाव के लिए राशि 6. कटाव निरोधी कार्यक्रम के लिए राशि 7.मौसम परिवर्तन को केंद्र में रख चलने वाले कार्यक्रमों के लिए निधि 8. पिछड़े जिलों के विकास के लिए अतिरिक्त मदद 9. हायर सेकेंडरी स्कूल निर्माण के लिए अतिरिक्त मदद 10. पंचायत सरकार भवन के निर्माण को सहायता 11.गरीबों के लिए आवास योजना के लिए राशि 12 शेल्टर होम निर्माण के लिए राशि।
विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर जदयू-बीजेपी की अलग राय
इस बीच विशेष दर्जे की मांग को लेकर जदयू और भाजपा का मत अलग-अलग दिख रहा है। जहां भाजपा नेता बिहार को विशेष पैकेज देने की मांग करने की बात कर रहे हैं तो वहीं जदयू की तरफ से बिहार को विशेष दर्जे की मांग की जाएगी।
विशेष दर्जे के सवाल पर मंत्री राज्य के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने चुप्पी साध ली और बिहार को विशेष पैकेज देेने की वकालत की। साथ ही विशेष दर्जे के सवाल पर बिहार सरकार के मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि जदयू की क्या मांग है उनसे पूछिए। हमें तो लगता है कि बिहार को विशेष पैकेज चाहिए।
विशेष दर्जे पर बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने कहा कि हर हाल में बिहार को विशेष दर्जा मिलना चाहिए।हम वित्त आयोग के पास मजबूती से अपनी बात रखेंगे।
वहीं, मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस बार बिहार को अतिरिक्त पैकेज मिलेगा। हम वित्त आयोगी की टीम के सामने अपनी बात को रखेंगे।विशेष दर्जा के बदले विशेष पैकेज भी कम नहीं होता।
कांग्रेस ने कसा तंज
विशेष दर्जे की मांग पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि पीएम मोदी ने बिहार और देश की जनता को केवल छला है। केंद्र और बिहार मे एक ही गठबंधन की सरकार है तब तो खुद ही विशेष दर्जा मिल जाना चाहिए।