2024 से पटना में भी दौड़ने लगेगी मेट्रो ट्रेन, जानिए कहां-कहां से गुजरेगी...
पटना में जल्द ही मेट्रो ट्रेन सेवा शुरू हो जाएगी। इसका डीपीआर बनकर तैयार हो गया है और जल्द ही इसपर काम शुरू हो जाएगा और सबकुछ ठीक रहा तो 2024 से पटना में भी मेट्रो दौड़ने लगेगी।
पटना [जेएनएन]। सब कुछ ठीक रहा तो पटना में 2024 से मेट्रो रेल का परिचालन शुरू हो जाएगा। नगर विकास विभाग द्वारा मुख्य सचिव को मेट्रो को लेकर हुई प्रगति के बारे में दिए प्रेजेंटेशन में बताया गया कि पटना के लिए मोनो रेल से बेहतर मेट्रो रेल होगा। यह निर्णय होने के साथ ही पूरी रिपोर्ट लोक वित्त समिति को सौंपने का निर्णय लिया गया है। इसकी जानकारी बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने दी।
पटना में मंगलवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय कमेटी ने मेट्रो के फाइनल डीपीआर को मंजूरी दे दी। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए दीपक कुमार ने कहा कि पटना मेट्रो का डीपीआर बनकर तैयार हो गया है और इस वित्तीय वर्ष के अंत तक मेट्रो परियोजना का काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि 2024 तक पटना के दो रूट पर मेट्रो का परिचालन शुरू हो जाएगा।
पहले चरण में दो रूटों पर 16,960 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। पटना मेट्रो का निर्माण एसपीवी मॉडल पर होगा। डीपीआर को अब लोक वित्त समिति की मंजूरी के बाद कैबिनेट में भेजा जाएगा और कैबिनेट की हरी झंडी के बाद केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय को भेजा जाएगा। डीपीआर राइट्स ने तैयार किया है।
उन्होंने बताया कि पटना मेट्रो के अंतर्गत दो कॉरिडोर बनाए जाएंगे। पहला कॉरिडोर दानापुर से मीठापुर 16.94 किलोमीटर का होगा तो दूसरा कॉरिडोर पटना जंक्शन से लेकर न्यू आईएसबीटी तक 14.45 किलोमीटर का होगा।
पहला कॉरिडोर- इस रूट में शगुना मोड़, आरपीएस मोड़, पाटलीपुत्रा, राजा बाजार, पटना जू, विकास भवन, हाईकोर्ट, पटना स्टेशन, मीठापुर आदि मेट्रो स्टेशन होंगे।
दूसरा कॉरिडोर- इस रूट में पटना जंक्शन, आकाशवाणी, गांधी मैदान, पीएमसीएच, राजेंद्र नगर, नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल, कुम्हरार, गांधी सेतु, आईएसबीटी आदि मेट्रो स्टेशन होंगे।
एनआईटी ने तैयार किया है प्लान
मेट्रो पॉलिसी के अनुसार एनआईटी पटना ने कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान और अल्टरनेटिव एनालिसिस प्लान तैयार किया है। इसमें यात्रियों की अनुमानित संख्या, निर्धारित रूट, स्टेशन, लागत, रख-रखाव, वित्तीय व पर्यावरण पर प्रभाव का अध्ययन किया है।
2011 में की गई थी मेट्रो की परिकल्पना
2011 में सरकार ने इसपर गंभीरता से विचार शुरू किया। वर्ष 2013 में डीपीआर के लिए राइट्स के साथ करार हुआ। राइट्स ने 2014 के अंत में डीपीआर तैयार कर विभाग को सौंप दिया। पिछले साल 23 दिसंबर को सीएम ने इस परियोजना को मंजूरी दी थी।