Fatuha vidhan sabha Final Result:: राजद के डॉ. रामानंद यादव की दमदार जीत, रूपा कुमारी को 7,992 मतों से हराया
फतुहा विधानसभा सीट पर राजद के डॉ. रामानंद यादव ने लोजपा (राम विलास) की रूपा कुमारी को 7,992 वोटों से हराया। शुरुआती टक्कर के बाद डॉ. यादव ने बढ़त बनाई और जीत हासिल की। जन सुराज पार्टी के राजू कुमार तीसरे स्थान पर रहे। स्थानीय मुद्दे और राजद का मजबूत जनाधार डॉ. यादव की जीत में महत्वपूर्ण रहे।

राजद के डॉ. रामानंद यादव की दमदार जीत
जागरण संवाददाता, पटना। फतुहा विधानसभा सीट पर इस बार भी राजनीतिक मुकाबला बेहद दिलचस्प रहा, लेकिन अंत में जीत राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के उम्मीदवार डॉ. रामानंद यादव की झोली में गई। चुनाव आयोग द्वारा जारी अंतिम परिणामों के अनुसार, डॉ. यादव ने कुल 90,558 मत प्राप्त कर लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) की प्रत्याशी रूपा कुमारी को 7,992 मतों के बड़े अंतर से पराजित किया। रूपा कुमारी को कुल 82,566 वोट मिले और वे दूसरे स्थान पर रहीं।
इस सीट पर मुकाबला शुरू से ही राजद और लोजपा (रामविलास) के बीच केंद्रित था। शुरुआती राउंड में थोड़ी टक्कर दिखी, लेकिन मध्य राउंड के बाद से ही डॉ. यादव ने बढ़त बनानी शुरू कर दी थी, जो अंतिम परिणाम तक कायम रही। उनकी जीत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि फतुहा क्षेत्र में यादव वोट बैंक और राजद का जनाधार काफी मजबूत है।
तीसरे स्थान पर जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार राजू कुमार रहे, जिन्हें मात्र 8,598 वोट मिले। जन सुराज की ओर से यहां बड़ी दावेदारी की उम्मीद थी, लेकिन उन्हें अपेक्षित समर्थन नहीं मिल सका।
वहीं, निर्दलीय उम्मीदवारों और छोटे दलों को 5,000 से भी कम मत मिले, जिससे स्पष्ट होता है कि मतदाता इस बार मुख्य मुकाबले में ही अपनी पसंद केंद्रित किए हुए थे।
इस चुनाव में NOTA ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कुल 3,938 मतदाताओं ने किसी भी उम्मीदवार को वोट न देकर नोटा का विकल्प चुना। यह संख्या बताती है कि एक वर्ग अब भी मौजूदा विकल्पों से असंतुष्ट है।
फतुहा क्षेत्र में स्थानीय मुद्दे—सड़क मरम्मत, बेरोजगारी, अपराध नियंत्रण, और उद्योगों के पुनर्जीवन—इस बार चुनाव प्रचार का मुख्य आधार रहे।
डॉ. यादव ने अपने चुनाव अभियान में इन सभी समस्याओं पर ठोस कार्ययोजना पेश की थी, जिसका सकारात्मक असर वोटरों पर पड़ा।
लोजपा (रामविलास) की रूपा कुमारी ने भी जोरदार चुनाव प्रचार किया था, खासकर दलित और अति-पिछड़ा मतदाताओं को साधने की कोशिश की, लेकिन राजद की मजबूत संगठनात्मक पकड़ और यादव समुदाय के ठोस समर्थन के आगे उनका प्रयास कम पड़ गया।
कुल मिलाकर, 2025 के चुनाव में फतुहा सीट ने एक बार फिर राजद पर भरोसा जताया और डॉ. रामानंद यादव को स्पष्ट बहुमत से विजयी बनाया।

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