विधान परिषद की दो सीटों की तकदीर तय करेंगे 1.28 लाख मतदाता, 43 हजार स्नातक वोटर बढ़े
विधान परिषद के स्नातक और शिक्षक क्षेत्र के निर्वाचन के लिए प्रशासनिक तैयारियां शुरू हो गईं हैं। जानें इलेक्शन को लेकर कैस बन रहा समीकरण।
श्रवण कुमार, पटना। लॉकडाउन समाप्त होते ही विधान परिषद के स्नातक और शिक्षक क्षेत्र के निर्वाचन के लिए प्रशासनिक तैयारियां शुरू हो गईं हैं। अंतिम प्रकाशन के बाद मतदाता सूची जारी कर दी गई है। स्नातक क्षेत्र के लिए 1,18,747 और शिक्षक क्षेत्र के लिए 9,923 वोटरों की सूची जारी की गई है। प्रमंडल के 181 मतदान केंद्रों पर स्नातक निर्वाचन के लिए और 80 बूथों पर शिक्षक निर्वाचन के लिए वोट डाले जाएंगे।
दावा औऱ आपत्ति का समय समाप्त
विधान परिषद के पटना शिक्षक और स्नातक चुनाव के लिए प्रारूप का प्रकाशन 23 नवंबर 2019 को प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने किया था। उस सूची में स्नातक क्षेत्र के लिए 75433 और शिक्षक के लिए 8040 मतदाता थे। स्नातक क्षेत्र के वोटरों में 57,423 पुरुष और 18,010 महिलाएं हैं। शिक्षक मतदाताओं में 5625 पुरुष और 2415 महिला मतदाता हैं। उसके बाद दावा और आपत्तियों के लिए नौ दिसंबर तक का समय दिया गया था। दावा और आपत्तियों के बाद 30 दिसंबर को अंतिम सूची का प्रकाशन किया गया। दावा और आपत्तियों के बाद स्नातक क्षेत्र के 43,314 और शिक्षक क्षेत्र के 1883 वोटर बढ़े हैं।
जिलावार मतदाता
जिला स्नातक क्षेत्र शिक्षक क्षेत्र
पटना : 69486 6059
नालंदा : 28524 2273
नवादा : 20737 1591
जिलावार मतदान केंद्र
जिला स्नातक क्षेत्र शिक्षक क्षेत्र
पटना : 113 46
नालंदा : 40 20
नवादा : 28 14
बढ़ सकती है मतदान केंद्रों की संख्या
बिहार में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में 62779 मतदान केंद्र बनाए गए थे। इस बार मतदान केंद्रों की संख्या एक लाख से ज्यादा संभावित है। चुनाव आयोग में इस मुद्दे पर मंथन शुरू हो गया है। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो बिहार में 2015 के विधानसभा चुनाव में तकरीबन 6.62 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने भाग लिया था। एक बूथ पर औसतन 1054 मतदाताओं ने वोट किया। जो इस चुनाव संभव नहीं दिखता। फिलहाल कोरोना की वजह से फिजिकल डिस्टेंसिंग की बाध्यता है। दूसरी ओर मतदाताओं की संख्या में भी कम से कम 10 फीसद वृद्धि संभावित है। मतदान का समय भी निर्धारित है। अमूमन सुबह सात से पांच बजे और कुछ स्थानों पर सुबह आठ से चार या फिर तीन बजे तक ही मतदान होता है। इन परिस्थितियों में 63779 बूथ में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए तय समय में मतदान कराना एक बड़ी चुनौती है।