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किसानों को मिलेगा इस बार धान का 1868 रुपये सरकारी समर्थन मूल्य

चुनाव के कारण बिहार में सरकारी समर्थन मूल्य पर धान खरीद की प्रक्रिया शुरू होने में देर हो गई है। अब दिसंबर से हो खरीद हो सकती है। अगले हफ्ते सहकारिता विभाग आदेश जारी कर सकता है। समर्थन मूल्‍य पिछले साल से 53 रुपये ज्‍यादा है।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 09:29 PM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 09:29 PM (IST)
किसानों को मिलेगा इस बार धान का 1868 रुपये सरकारी समर्थन मूल्य
खेतों में पके हुए धान की सांकेतिक तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो । चुनाव के चलते बिहार में सरकारी समर्थन मूल्य पर धान खरीद की प्रक्रिया के शुरू होने में भी थोड़ी देर हो गई है। ऐसे बिहार में खरीद 15 नवंबर से शुरू हो जाती थी। किंतु अभी तक विभागीय स्तर से आदेश जारी नहीं हुआ है। स्वीकृति के लिए फाइल मुख्य सचिव के पास गई हुई है। माना जा रहा है कि तीन-चार दिनों में स्वीकृति मिल जाएगी। अभी तक 50 हजार से ज्यादा किसानों ने प्रक्रिया में शामिल होने के लिए निबंधन करा लिया है। इस बार साधारण धान का सरकारी समर्थन मूल्य 1868 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जो पिछले साल से 53 रुपये ज्यादा है।

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30 मार्च तक होती है खरीद

प्रदेश में धान खरीद की प्रक्रिया 15 नवंबर से शुरू होकर 30 मार्च तक चलती है। माना जा रहा है कि इस बार विलंब के चलते खरीद की प्रक्रिया पहली दिसंबर से शुरू हो सकती है। हालांकि अत्यधिक नमी के चलते प्रारंभ में बहुत कम ही खरीद हो पाती है। फरवरी से रफ्तार पकड़ती है। दिसंबर-जनवरी में नमी की मात्रा ज्यादा रहती है, जबकि सरकारी मापदंड के मुताबिक 17 फीसद तक नमी वाले धान की ही समर्थन मूल्य पर खरीदारी हो सकती है। प्रत्येक साल राज्य सरकार के स्तर पर केंद्र से नमी की मात्रा बढ़ाने का आग्रह किया जाता है, लेकिन आदेश आते-आते फरवरी आ जाता है। इसलिए किसानों को फायदा न के बराबर मिल पाता है।

30 लाख टन ही खरीद का लक्ष्य

पिछले तीन-चार बार से प्रत्येक साल धान खरीद का लक्ष्य 30 लाख मीट्रिक टन रखा जाता है, जो कभी पूरा नहीं होता है। वैसे इस बार भी राज्य सरकार का दावा है कि एजेंसियों तक जितना धान आएगा, सबकी खरीदारी होगी। किसी भी किसान को वापस नहीं लौटने दिया जाएगा। सरकार का लक्ष्य सांकेतिक ही होता है। पिछले साल भी करीब 20 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो पाई थी। अभी तक इस आंकड़े को पार नहीं किया जा सका है। ॉ

साल दर साल खरीद

वर्ष : मात्रा (लाख मीट्रिक टन में)

2015-16 : 18.23

2016-17 : 18.42

2017-18 : 11.84

2018-19 : 14.16

2019-20 : 20.01


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