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Bihar Farmer News: बैंगन, परवल, भिंडी और लौकी की उन्‍नत किस्‍मों से किसान बढ़ा सकते हैं आमदनी

Farmers News किसान पांच किस्म की सब्जियों की वैज्ञानिक खेती कर बढ़ा सकते अपनी आय किसान बैगन परवल भिंडी लौकी नेनुआ व कोहड़ा की करें वैज्ञानिक खेती बढ़ेगी आय जानिए इन फसलों की अधिक उपज वाली किस्‍मों के बारे में

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 01:55 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 01:55 PM (IST)
Bihar Farmer News: बैंगन, परवल, भिंडी और लौकी की उन्‍नत किस्‍मों से किसान बढ़ा सकते हैं आमदनी
किसान इन फसलों के जरिए बढ़ा सकते हैं आमदनी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ। सब्जी उत्पादक किसानों के लिए वैज्ञानिक खेती फायदेमंद साबित होगी। किसान खरीफ, रबी व गरमा तोनों मौसम में बैगन की वैज्ञानिक खेती कर सकते हैं। बैगन की खेती के लिए दोमट एवं हल्की भरी मिट्टी सबसे बेहतर होता है। इसके अतिरिक्त सभी मिट्टी में बैग्न की वैज्ञानिक खेती किसान कर सकते हैं। जिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि सब्जियों की बुआई का समय होता है। बीज कितनी मात्रा में डालना है यह भी जानना जरूरी होता है। बीज उपचार, पोषक तत्व प्रबंधन, निकाई-गुड़ाई एवं सिंचाई पर ध्यान देने के साथ पौधा संरक्षण अहम हैं।

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बैगन की प्रजातियां

बैगन की कई प्रजातियां होती हैं। लंबा बैग्नी, लंबा हरा, सफेद छोटा कलौजी बैगन व गोल बैगन इसमें स्थानीय बाजार की मांग के अनुसार किसान किसी का चयन कर सकते हैं। इसके बीजोत्पादन के लिए प्रमुख रूप से शंकर किस्म के पूसा हाइब्रिड-5, पूसा हाइब्रिड-6, अनमोल, अर्का, नवनीत, एनडीबीएच एवं सामान्य उन्नत किस्म में पंत बैगन, पंत सम्राट, पंत ऋतुराज, राजेन्द्र बैगन-2, सोनाली, कचबचिया, पूसा परपल लॉंग, अर्का निधि, के.एस.-331 व 224 व पंजाब सदाबहार मुख्य है। इसमें से जो भी बैगन की खेती किसान करेगा उसकी उपज मिलेगी।

परवल के उन्नत प्रभेद

परवल अलग-अलग क्षेत्रों के लिए है। इसके खेती करने के पूर्व वैज्ञानिकों से मशवरा कर लेना चाहिए। वैसे परवल का मुख्य प्रभेद राजेन्द्र परवल-1, राजेन्द्र परवल-2, डंडाली, एस.पी.-1, एफ.सी.-3, स्वर्णरेखा, सोनपुरी, फैजाबाद परवल-1-2-3-4-5, स्वर्णरेखा, सफेदा एवं गंयालिया प्रमुख है। यह सभी प्रभेद पैदवार वाली है।

भिंंडी के उन्नत प्रभेद

भिंडी के उन्‍नत प्रभेदों में खरीफ एवं ग्रीष्म ऋतु के लिए अलग-अलग होती है। कुछ ऐसे प्रभेद है दोनों मौसम में लगाया जा सकता है। ये प्रभेद है पूसा मखमली यह गरमा व खरीफ दोनों मौसम में लगाया जा सकता है। पूसा सावनी यह प्रभेद खरीफ मौसम में लगाया जाता है। खरीफ किस्म की अन्य प्रभेदों में परभनी क्रांति सेलेक्सन-8 व 10 तथा केएस-12 मुख्य है। इसके अलावा किसान संकर किस्म के प्रभेद भवानी, कृष्णा, हाइब्रिड-6, हाइब्रिड-8 तथा अनोखी मुख्य है।

लौकी का प्रभेद

लौकी की प्रभेद काशी गंगा, नरेन्द्र रश्मि, पूसा संदेश, काशी बहार मुख्य है। काशी गंगा प्रभेद में तनों में गांठे कम और दूरी पर विकसित होता है। नरेन्द्र रश्मि फल हल्का हरे रंग का छोटा-छोटा होता है। यह औसमत एक किलोग्राम वजन का होता है। इसकी औसत उपज 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होता है। पूसा संदेश के पौधे मध्यम लंबाई तथा गांठों पर शाखाएं होती है। इसका फल गोलाकार मध्यम आकार का होता है। प्रति हेक्टेयर उपज 320 क्विंटल होता है। वहीं काशी बहार संकर प्रजाति के प्रभेद में प्रारंभिक गांठों का बनना प्रारंभ हो जाता है। इय प्रभेद गर्मी व बरसात दोनों मौसम में होता है। 


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