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सोना का आभूषण खरीदने वाले हो जाएं सा‍वधान, बिहारशरीफ से जब्त आभूषणों पर हालमार्क का निशान नकली

मामले में अब आगे की कार्रवाई शुरू हो गई है। हालमार्क के संचालक के आग्रह पर मामला विभागीय स्तर पर भी निष्पादित किया जा सकता है अगर ऐसा नहीं हुआ तो यह मामला कोर्ट में जाएगा। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) के अधिकृत सूत्रों के अनुसार यह हालमार्क केंद्र अनधिकृत था।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Fri, 27 Aug 2021 12:39 PM (IST)Updated: Fri, 27 Aug 2021 12:39 PM (IST)
सोना का आभूषण खरीदने वाले हो जाएं सा‍वधान, बिहारशरीफ से जब्त आभूषणों पर हालमार्क का निशान नकली
सोना के आभूषण खरीदने वाले हो जाएं सावधान। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। Bihar Crime: गहनों में शुद्धता के लिए सरकार ने हालमार्क का निशान अनिवार्य कर दिया है, लेकिन फर्जीवाड़ा करने वालों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है। बिहारशरीफ के चौक बाजार स्थित शिवाजी हालमार्किंग सेंटर से छापेमारी के दौरान 24 अगस्त को जब्त किए गए आभूषणों के सैंपल पर नकली हालमार्क के निशान पाए गए हैं। इस मामले में अब आगे की कार्रवाई शुरू हो गई है। हालमार्क के संचालक के आग्रह पर मामला विभागीय स्तर पर भी निष्पादित किया जा सकता है, अगर ऐसा नहीं हुआ तो यह मामला कोर्ट में चला जाएगा। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस)  के अधिकृत सूत्रों के अनुसार यह हालमार्क केंद्र अनधिकृत था।

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बीआइएस की पटना शाखा दर्ज करा सकती है शि‍कायत

बताया जा रहा है कि बगैर लाइसेंस लिए ही आभूषणों पर हालमार्क के निशान लगाए जा रहे थे। आभूषणों के जब्त सैंपल से यह स्पष्ट हो चुका है। इस मामले में दो तरह से कार्रवाई हो सकती है। बीआइएस की पटना शाखा की ओर से इस मामले में कंप्लेन केस दर्ज कराया जा सकता है। कोर्ट के आदेश के बाद हालमार्क केंद्र से जब्त कंप्यूटर की फोरेंसिक जांच भी कराई जा सकती है।

एक से पांच लाख रुपए तक देना पड़ सकता है जुर्माना

सूत्रों ने कहा कि बिना कोर्ट केस भी यह मामला विभागीय स्तर पर निष्पादित किया जा सकता है। हालांकि, पटना शाखा कार्यालय को इसका अधिकार नहीं है। हालमार्क केंद्र संचालक की ओर से बीआइएस के कोलकाता स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के उपनिदेशक को अगर विभागीय कार्रवाई के लिए आग्रह किया जा सकता है तो इसका संज्ञान लिया जा सकता है। विभागीय स्तर पर भी मामले को निष्पादित करने की स्थिति में एक से पांच लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।

सूत्रों के अनुसार, पटना कार्यालय की ओर से शिकायत दर्ज करने की तैयारी चल रही है, क्योंकि अभी संचालक की ओर से कंपाउंडिंग कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए आग्रह नहीं किया गया है।


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