मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड को लेकर पूर्व मंत्री ने किया बड़ा खुलासा, जानिए
बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री परवीन अमानुल्लाह ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि अधिकारियों की मिलीभगत से ही एेसी घटनाएं हुई हैं।
By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 01:25 PM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 11:24 PM (IST)
पटना [राज्य ब्यूरो]। समाज कल्याण विभाग और राज्य में शार्ट स्टे होम का संचालन करनेवाले एनजीओ के बीच साठगांठ को लेकर उपजे विवाद के बीच पूर्व समाज कल्याण मंत्री परवीन अमानुल्लाह ने विभाग के अफसरों की कार्य प्रणाली पर कई खुलासे किए। पूर्व मंत्री ने कहा कि अफसर कायदे-कानून को ताक पर रख मनमाने तरीके से एनजीओ को काम देते हैं। सर्वाधिक अनियमितता बेसहारा लड़कियां के लिए चलाए जा रहे शेल्टर होम के एनजीओ करते हैं। इस बात की जानकारी उन्होंने समय-समय पर सरकार को भी दी, लेकिन सरकार ने कभी बड़ी कार्रवाई नहीं की।
मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड को लेकर जारी विवाद के बीच पूर्व मंत्री परवीन अमानुल्लाह अमेरिका दौरे से लौटते ही आक्रामक हो गई हैं। उन्होंने सोमवार को जागरण से बातचीत में कहा कि अपने कार्यकाल के प्रारंभ से ही विभाग में कई प्रकार की गड़बडिय़ां देखीं। एनजीओ का चयन हो, उनके लिए राशि की स्वीकृति हो या फिर प्रक्रियागत दूसरे काम, यहां बड़े-बड़े झोल थे। मंत्री होने के नाते शिकायतें मिलने लगीं। जिसके बाद मैंने व्यक्तिगत स्तर पर जांच करनी शुरू की। कई संसथाओं को कारण बताओ नोटिस दिया। कई संस्थाओं के फंड पर रोक लगाई तो बेगूसराय में इसी प्रकार की एक संस्था को बंद तक करवा दिया।
पूर्व मंत्री ने कहा, जो कार्रवाई मेरे हाथ में थी वह मैं करती रही, लेकिन जिस मामले में सरकार के फैसले की दरकार होती वहां से बहुत ज्यादा मदद नहीं मिलती थी। कहा कि आइसीडीएस के एक अधिकारी के खिलाफ मैंने सरकार से शिकायत की थी। उन पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ इतना हुआ कि तबादला करते हुए उन्हें स्वास्थ्य समिति में भेज दिया गया। उनका आचरण हमेशा से संदिग्ध रहा। अब वह सुधर गए हों तो जानकारी नहीं।
परवीन अमानुल्लाह ने कहा कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के प्रकाश में आने के साथ ही सरकार यदि सक्रिय हुई होती तो यह मामला इतना विवादास्पद नहीं होता। ऐसी तमाम गड़बडिय़ों को देखते हुए ही मैंने विभाग से इस्तीफा देने का फैसला किया। मेरे इस्तीफे का जब कारण पूछा गया तो मैंने साफ शब्दों में कहा कि यहां गड़बडिय़ों का मकडज़ाल है जिसके बीच काम नहीं किया जा सकता है। आम आदमी पार्टी से मैं इसीलिए जुड़ी क्योंकि वहां भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने की संभावना थी, यहां वह संभावना खत्म हो चुकी थी।
बता दें कि परवीन अमानुल्लाह ने 2010 में साहेबपुर कमाल (बेगूसराय) से चुनाव जीता और राज्य सरकार में समाज कल्याण मंत्री बनीं। बाद में उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी की सदस्यता ले ली ।
टिस की रिपोर्ट से हुए खुलासे के बाद मुजफ्फरपुर के बालिका गृह कांड से लेकर पटना के आसरा समेत कई एनजीओ की मदद से चलने वाले शेल्टर होम्स में गड़बड़ी की शिकायत पायी गई और इस मामले में कई आरोपी आज सलाखों के पीछे हैं।
मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड को लेकर जारी विवाद के बीच पूर्व मंत्री परवीन अमानुल्लाह अमेरिका दौरे से लौटते ही आक्रामक हो गई हैं। उन्होंने सोमवार को जागरण से बातचीत में कहा कि अपने कार्यकाल के प्रारंभ से ही विभाग में कई प्रकार की गड़बडिय़ां देखीं। एनजीओ का चयन हो, उनके लिए राशि की स्वीकृति हो या फिर प्रक्रियागत दूसरे काम, यहां बड़े-बड़े झोल थे। मंत्री होने के नाते शिकायतें मिलने लगीं। जिसके बाद मैंने व्यक्तिगत स्तर पर जांच करनी शुरू की। कई संसथाओं को कारण बताओ नोटिस दिया। कई संस्थाओं के फंड पर रोक लगाई तो बेगूसराय में इसी प्रकार की एक संस्था को बंद तक करवा दिया।
पूर्व मंत्री ने कहा, जो कार्रवाई मेरे हाथ में थी वह मैं करती रही, लेकिन जिस मामले में सरकार के फैसले की दरकार होती वहां से बहुत ज्यादा मदद नहीं मिलती थी। कहा कि आइसीडीएस के एक अधिकारी के खिलाफ मैंने सरकार से शिकायत की थी। उन पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ इतना हुआ कि तबादला करते हुए उन्हें स्वास्थ्य समिति में भेज दिया गया। उनका आचरण हमेशा से संदिग्ध रहा। अब वह सुधर गए हों तो जानकारी नहीं।
परवीन अमानुल्लाह ने कहा कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के प्रकाश में आने के साथ ही सरकार यदि सक्रिय हुई होती तो यह मामला इतना विवादास्पद नहीं होता। ऐसी तमाम गड़बडिय़ों को देखते हुए ही मैंने विभाग से इस्तीफा देने का फैसला किया। मेरे इस्तीफे का जब कारण पूछा गया तो मैंने साफ शब्दों में कहा कि यहां गड़बडिय़ों का मकडज़ाल है जिसके बीच काम नहीं किया जा सकता है। आम आदमी पार्टी से मैं इसीलिए जुड़ी क्योंकि वहां भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने की संभावना थी, यहां वह संभावना खत्म हो चुकी थी।
बता दें कि परवीन अमानुल्लाह ने 2010 में साहेबपुर कमाल (बेगूसराय) से चुनाव जीता और राज्य सरकार में समाज कल्याण मंत्री बनीं। बाद में उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी की सदस्यता ले ली ।
टिस की रिपोर्ट से हुए खुलासे के बाद मुजफ्फरपुर के बालिका गृह कांड से लेकर पटना के आसरा समेत कई एनजीओ की मदद से चलने वाले शेल्टर होम्स में गड़बड़ी की शिकायत पायी गई और इस मामले में कई आरोपी आज सलाखों के पीछे हैं।
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