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पत्‍नी को एमएलसी और मंत्री बनाए जाने की चर्चा पर उपेंद्र कुशवाहा ने साफ कर दिया अपना स्‍टैंड

Bihar Politics उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पत्‍नी को विधान पार्षद और मंत्री बनाए जाने की तमाम चर्चाओं को लेकर अपना रूख साफ कर दिया है। उन्‍होंने कहा कि वे जनमत का सम्‍मान करते हुए जदयू के साथ गए हैं।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Mon, 15 Mar 2021 09:55 AM (IST)Updated: Tue, 16 Mar 2021 06:01 AM (IST)
पत्‍नी को एमएलसी और मंत्री बनाए जाने की चर्चा पर उपेंद्र कुशवाहा ने साफ कर दिया अपना स्‍टैंड
उपेंद्र कुशवाहा मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के साथ। जागरण

पटना, बिहार ऑनलाइन डेस्‍क। Bihar Politics: अपनी पार्टी राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी यानी रालोसपा का जनता दल यूनाइटेड यानी जदयू में विलय (RLSP merger in JDU) कराने के बाद उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) बिहार में लगातार विपक्ष के निशाने पर हैं। कांग्रेस और राजद के नेता उपेंद्र कुशवाहा को अवसरवादी और गिरगिट की तरह रंग बदलने वाला कह रहे हैं। कहा जा रहा है कि उन्‍होंने अपनी पत्‍नी को विधान पार्षद और बिहार सरकार में मंत्री बनवाने के लिए मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के साथ सौदेबाजी की है। इस बाबत रविवार को मीडिया कर्मियों ने सीधे कुशवाहा से सवाल भी पूछ दिया। उन्‍होंने साफ तौर पर कहा है कि ऐसी कोई बात नहीं है।

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कांग्रेस और राजद लगातार साध रहे निशाना

उपेंद्र कुशवाहा पर राजद और कांग्रेस के नेता लगातार निशाना साध रहे हैं। अब कांग्रेस ने कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा अधिक दिनों तक जदयू में टिकने वाले नहीं हैं। वे पहले की तरह ही फिर जदयू से बाहर आएंगे। कांग्रेस नेता असित नाथ तिवारी ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा को जो चाहिए, वह उन्‍हें कोई भी पार्टी नहीं दे सकती है। उन्‍हें बिहार के मुख्‍यमंत्री का पद चाहिए। जदयू यह पद उन्‍हें देने से रहा। मुख्‍यमंत्री बनने की महात्‍वाकांक्षा में ही उपेंद्र कुशवाहा ने पहले भी दो बार जदयू को बाय-बाय किया। वे फिर से ऐसा ही करेंगे। राजद के प्रवक्‍ता मृत्‍युंजय तिवारी ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा वक्‍त के साथ रंग बदलते हैं। राजद के वरिष्‍ठ नेता शिवानंद तिवारी ने भी ऐसी ही बात कही है। उन्‍होंने का कि उपेंद्र कुशवाहा अब भरोसा खोते जा रहे हैं।

उपेंद्र कुशवाहा ने बताया पार्टी का फैसला

उपेंद्र कुशवाहा ने रालोसपा का जदयू में विलय किए जाने को पार्टी का फैसला बताया है। उन्‍होंने कहा कि यह फैसला उनका व्‍यक्तिगत नहीं है। इसके लिए पार्टी के सभी नेताओं की राय ली गई है। सभी की सहमति से पिछले विधानसभा चुनाव में मिले जनादेश के अनुरूप जदयू में शामिल होने का फैसला किया गया है।


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