बिहार के पूर्व सीएम मांझी भी सम्राट अशोक प्रकरण में कूदे, बोले, इस जाति का होने की वजह से अपमान
सम्राट अशोक (Samrat Ashok) के खिलाफ दया प्रकाश सिन्हा (Daya Parakash Sinha) की टिप्पणी के बाद से राजनीतिक माहौल गर्म है। जदयू ने तीखे तेवर किए तो भाजपा ने भी इसपर आपत्ति जता दी। इस मामले में पूर्व सीएम जीतन राम मांझी भी कूद पड़े हैं।
पटना, आनलाइन डेस्क। सम्राट अशोक (Samrat Ashok) के खिलाफ दया प्रकाश सिन्हा (Daya Parakash Sinha) की टिप्पणी के बाद से राजनीतिक माहौल गर्म है। जदयू ने तीखे तेवर किए तो भाजपा ने भी इसपर आपत्ति जता दी। राज्य सभा सांसद और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने बताया कि भाजपा से दयाप्रकाश सिन्हा का कोई संबंध है। इस मामले में पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (Ex CM Jitan Ram Manjhi) भी कूद पड़े हैं। मांझी ने सम्राट अशोक की जाति का भी पता लगा लिया है। जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर बताया है कि सम्राट अशोक पिछड़ी जाति से थे। उन्होंने राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि उनका पद्म सम्मान वापस लें।
बिहार की राजनीति में आई गरमाहट
बता दें कि इंडियन काउंसिल फार कल्चरल रिलेशंस (Indian Council for Cultural Relations) के उपाध्यक्ष दया प्रकाश सिन्हा ने सम्राट अशोक की तुलना मुगल शासक औरंगजेब से कर दी थी। उन्होंने सम्राट अशोक को क्रूर शासक बताया था। कई ग्रंथों का संदर्भ देते हुए उन्होंने सम्राट अशोक को बदसूरत, कामुक भी बताया था। इसके बाद बिहार की सियासत में उबाल आ गया। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने दयाप्रकाश सिन्हा की टिप्पणी पर नाराजगी जताई। इसके बाद भाजपा कोटे के मंत्री सम्राट चौधरी के तेवर भी तल्ख दिखे।
पद्म सम्मान वापस लें राष्ट्रपति
अब हम के अध्यक्ष और पूर्व सीएम ने कहा है कि कुछ लोग सम्राट अशोक का अपमान इसलिए कर रहे हैं कि वे पिछड़ी जाति के थे। ऐसे सामंती लोग नहीं चाहते कि कोई दलित, आदिवासी और पिछड़ा का बच्चा सत्ता के शीर्ष पर बैठे। माननीय राष्ट्रपति से आग्रह है कि हमारे शौर्य के प्रतीक सम्राट अशोक पर टिप्पणी करने वाले का पद्म सम्मान वापस लें।
बता दें कि मौर्य वंश के शासक सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म अपना लिया था। उनकी जाति का प्रमाण स्पष्ट तौर पर नहीं मिलता। कुछ लोग उन्हें कुशवाहा समाज से जोड़कर देखते हैं। लेकिन अब मांझी ने उन्हें पिछड़ा समाज का बता दिया है।