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अब उद्योग-खेती में सबको मीटर लेना जरूरी, जानिए कितना लगेगा चार्ज

एक अप्रैल से सभी उपभोक्ता को मीटर लगाना अनिवार्य हो जाएगा। आयोग ने कंपनियों को आगाह भी किया है कि वे बिना मीटर की शेष श्रेणियों को खत्म करने की वैकल्पिक व्यवस्था करें।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Thu, 22 Mar 2018 08:38 AM (IST)Updated: Thu, 22 Mar 2018 04:04 PM (IST)
अब उद्योग-खेती में सबको मीटर लेना जरूरी, जानिए कितना लगेगा चार्ज
अब उद्योग-खेती में सबको मीटर लेना जरूरी, जानिए कितना लगेगा चार्ज

पटना [राज्य ब्यूरो]। आयोग ने अगले वर्ष के टैरिफ आदेश में उपभोक्ताओं की दो श्रेणियों को खत्म कर दिया है। अब गैर घरेलू सेवा (एनडीएस-1), कृषि एवं सिंचाई (राजकीय सिंचाई नलकूप) में बिना मीटर वाले उपभोक्ताओं की श्रेणी को समाप्त कर दिया है। यानि अब एक अप्रैल से उक्त श्रेणी के सभी उपभोक्ता को मीटर लगाना अनिवार्य हो जाएगा। आयोग ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए दोनों कंपनियों को आगाह भी किया है कि वे बिना मीटर की शेष श्रेणियों को भी खत्म करने की वैकल्पिक व्यवस्था करे।

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नेगी ने बताया कि दीन दयाल ग्र्राम ज्योति योजना, सभी को 24 घंटे भरपूर बिजली के साथ अगले वित्तीय वर्ष में सबको बिजली कनेक्शन देने की नीति के कारण दरों में इजाफा जरूरी हो गया था। आयोग ने पिछली बार मीटर रेंट, टेस्टिंग शुल्क, कनेक्शन-डिस्कनेक्शन एवं पुन: कनेक्शन के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। किंतु इस बार प्रस्ताव पर विचार किया गया है।

नेगी ने बताया कि टैरिफ को तर्कसंगत बनाने के लिए पिछले साल उपभोक्ताओं की श्रेणी, उपश्रेणी एवं स्लैब की संख्या को कम करके विद्युत दर के ढांचे को सहज बनाने की कोशिश की गई थी। आयोग ने कंपनियों को वितरण नुकसान को भी कम करके 21 के औसत पर लाने की नसीहत दी है।

साउथ बिहार को 20 फीसद और नॉर्थ बिहार को 22 फीसद करने को कहा है। इससे अधिक नुकसान होने पर कंपनियों को ही बोझ उठाना होगा। आयोग ने पर्यावरण स्वच्छता के लिहाज से कुल बिजली का 9.25 फीसद अक्षय ऊर्जा के विकल्प की ओर बढऩे का टारगेट दिया है। बिहार में 31 मार्च 2017 तक कुल 1.02 करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं। चालू वर्ष में इसमें 36 लाख उपभोक्ता और जोडऩे का लक्ष्य दिया गया है।

नेगी ने बताया कि दोनों कंपनियों ने बिना अनुदान के 44 फीसद टैरिफ वृद्धि का प्रस्ताव दिया था। अनुदान देना राज्य सरकार का नीतिगत विषय है। इसलिए आयोग ने वाणिज्यिक एवं विनियामक सिद्धांत के आधार पर टैरिफ का निर्धारण किया है, ताकि कुटीर ज्योति, घरेलू एवं गैर घरेलू सेवा तथा किसानों पर कम से कम भार पड़े।

ऑफ ग्रिड से गांवों में 60 रुपये में बिजली

वैसे गांवों में जहां ग्रिड से बिजली सप्लाई की व्यवस्था नहीं है, वहां दीन दयाल उपाध्याय ग्र्राम ज्योति योजना के तहत सौर ऊर्जा से बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। राज्य सरकार ने इसके लिए एजेंसी की नियुक्ति कर दी है। गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को प्रतिमाह 30 रुपये एवं गरीबी रेखा से ऊपर के लोगों को 60 रुपये में बिजली मिलेगी। उपभोक्ताओं को पेयजल पंप के लिए 267 रुपये एवं आटा चक्की के लिए 1500 रुपये महीने देने होंगे।

मीटर टेस्टिंग चार्ज

सिंगल फेज : 100 रुपये

थ्री फेज : 200 रुपये

विशेष मीटर : 1800 रुपये

मीटर रेंट प्रतिमाह

सिंगल फेज (एलटी स्टेटिक) : 20 रुपये

थ्री फेज (एलटी स्टेटिक) : 50 रुपये

स्मार्ट मीटर (सिंगल फेज) : 50 रुपये

स्मार्ट मीटर (थ्री फेज) : 100 रुपये

नया कनेक्शन चार्ज (इसमें कनेक्शन हटाना, रिकनेक्शन, लोड बढ़ाना आदि शामिल है)

कुटीर ज्योति : 20 रुपये

सिंगल फेज (एलटी) : 75 रुपये

थ्री फेज (एलटी) : 200 रुपये

उद्योग (एलटी) : 300 रुपये

एचटी कनेक्शन : 750 रुपये


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