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बिहार में हर जुबान पर एक सवाल, कब होगा नगर निकाय चुनाव? मैदान में हैं 27 हजार से अधिक प्रत्याशी

बिहार में हर किसी की जुबान पर बस एक ही सवाल है कि अब नगर निकाय चुनाव कब होंगे। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्णय से पहले चरण वाले 156 और दूसरे चरण के 68 नगर निकायों का चुनाव प्रभावित हुआ है।

By Jagran NewsEdited By: Akshay PandeyPublished: Thu, 06 Oct 2022 06:29 PM (IST)Updated: Thu, 06 Oct 2022 06:29 PM (IST)
बिहार में हर जुबान पर एक सवाल, कब होगा नगर निकाय चुनाव? मैदान में हैं 27 हजार से अधिक प्रत्याशी
बिहार में नगर निकाय चुनाव कब होंगे यही सवाल सबकी जुबान पर है। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने दो चरणों में संपन्न होने वाले निकाय चुनाव स्थगित  कर दिया है। आयोग के इस निर्णय से पहले चरण वाले 156 और दूसरे चरण के 68 नगर निकायों का चुनाव प्रभावित हुआ है। इसके साथ चुनाव लड़ रहे 27 हजार से अधिक प्रत्याशियों और उनके लाखों समर्थकों की बेचैनी भी बढ़ गई है। साथ ही हर किसी की जुबान पर बस एक ही सवाल है कि अब आगे कब नगर निकाय चुनाव होंगे। इसके पीछे वजह यह है कि चुनाव लड़ रहे 27 हजार से अधिक प्रत्याशी और लाखों समर्थकों के बीच सर्वाधिक बचैनी बढ़ी हुई है। प्रत्याशियों की बेचैनी की वजह यह है कि लाखों-करोड़ों रुपये खर्च कर चुके हैं। चुनाव अगर लंबे समय के लिए टलता है तो नए सिरे से तैयारी करनी होगी। चुनावी समीकरण और गणित भी बदल सकता है।

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डेढ़ करोड़ वोटरों की बढ़ी उत्सुकता

बिहार में तीन चरणों में 248 नगर निकायों में चुनाव होना है। इनमें डेढ़ करोड़ से अधिक मतदाता हैं। कुल 19 नगर निगम, 88 नगर परिषद और 154 नगर पंचायत शामिल हैं। इसमें आठ नगर परिषद, 113 नगर नगर पंचायत नवगठित किए गए हैं। जबकि सात नगर निगम, 36 नगर परिषद उत्क्रमित किए गए हैं। वहीं, एक नगर निगम और 11 नगर परिषद का सीमा विस्तार किया गया है।

वोट देने के बाद अंगुली पर लगी स्याही दिखाते मतदाता। जागरण आर्काइव। 

करोड़ों रुपये खर्च कर चुके हैं प्रत्याशी

नामांकन के पहले से लेकर अब तक चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी करोड़ों रुपये प्रचार में खर्च कर चुके हैं। इसमें सभी तरह के खर्च शामिल हैं। खासकर आपसी सौदेबाजी के तहत निर्विरोध चुनाव जीत चुके विजेताओं के लिए झटका है। दोनों चरण में मिलाकर करीब सौ प्रत्याशी निर्विरोध चुनाव जीत चुके थे।

944 से अधिक अति पिछड़ों मिलना है आरक्षण

वर्तमान चुनाव में आयोग ने कुल 261 नगर निकायों में 944 पदों पर अति पिछड़ों को आरक्षण दिया है। महापौर और उप महापौर के करीब 50 पद हैं। वहीं, वार्ड पार्षद के 894 पदों पर आयोग ने अति पिछड़ों के लिए आरक्षण का प्रविधान कर रखा है।


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