Move to Jagran APP

पटना में हर महीने 44 लोग सड़क हादसों में गंवा रहे जान, सुबह नौ से दोपहर 12 बजे तक सबसे कम हादसे

सड़क पर तेज निकलने की होड़ में जिंदगी पर लग रहा पूर्ण विराम सात वर्षों में 6939 सड़क हादसों में 3625 लोगों की हो चुकी है मौत 3830 हुए जख्मी कोई खाली सड़क देख रेस लड़ा रहा तो कहीं ओवरटेक कर आगे बढऩे की होड़

By Shubh NpathakEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 07:42 AM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 07:42 AM (IST)
पटना में हर महीने 44 लोग सड़क हादसों में गंवा रहे जान, सुबह नौ से दोपहर 12 बजे तक सबसे कम हादसे
राजधानी की सड़कों पर तेज रफ्तार से बढ़ रहा मौतों का आंकड़ा। जागरण

पटना [आशीष शुक्ल]। पटना की सड़कों पर जल्‍दबाजी लोगों की जान ले रही है। स्‍पीड के चक्कर में कोई मौत को गले लगा रहा है तो कोई अस्पताल में बेड पर है। विगत 7 साल के दौरान पटना में सड़क हादसों के 6939 मामले दर्ज हुए। इन हादसों में 3625 लोग जान गंवा चुके हैं। 3830 लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं। 2020 में पटना में हर महीने 44 से अधिक लोगों की मौतें हुईं।

loksabha election banner

वर्ष        मामले    मौत    घायल   

2014     1,193    498    682    

2015     1,009    433    546

2016     923     484     510

2017     996     510     490

2018     996     597     524

2019     1,163   657    620

2020    697       446    460

(वर्ष 2020 में अक्टूबर तक)

ट्रक, लॉरी व कार वाले हादसे की वजह बन रहे

2019 में पटना से गुजरने वाले नेशनल व स्टेट हाइवे पर सर्वाधिक हादसे हुए। शहरी क्षेत्र में भी खूब हादसे हुए। नेशनल हाइवे पर 81 लोगों ने जान गंवाई, जबकि 219 लोग जख्मी हुए। स्टेट हाइवे पर 16 लोग जख्‍मी हुए और 11 लोगों की मौत हुई। हाइवे पर 80 प्रतिशत घटनाएं ट्रक, लॉरी व कार से हुई हैं। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में 70 प्रतिशत हादसे बस, ट्रैक्टर, कार और अन्य वाहनों से हुए हैं।

रात में रोड खाली रहने पर स्‍पीड बन रही जानलेवा

एनसीआरबी के मुताबिक वर्ष 2019 में पटना में सर्वाधिक सड़क हादसे आधी रात के बाद हुए। रात के 12 से तीन बजे तक 113, रात तीन से सुबह छह बजे तक 38, सुबह छह से 9 बजे तक 21, सुबह नौ से दोपहर 12 बजे तक 6 हादसे हुए हैं। दोपहर 12 से शाम तीन बजे तक 21, दोपहर तीन से शाम 6 बजे तक 30, शाम 6 से रात नौ बजे तक 35 और रात नौ बजे से 12 बजे के बीच सबसे अधिक 270 हादसे हुए। सबसे कम हादसे सुबह नौ से 12 बजे के बीच हो रहे हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि इसी वक्‍त सड़क पर अधिक भीड़ रहती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.