स्कूल से दूर पर नियम के साथ फुल ड्रेस में ऑनलाइन क्लास
कोरोना संक्रमण काल और लॉकडाउन में बच्चों का तनाव कम करने के लिए राजधानी के स्कूल कई पहल कर रहे हैं।
पटना । कोरोना संक्रमण काल और लॉकडाउन में बच्चों का तनाव कम करने के लिए राजधानी के स्कूल कई अनूठी पहल कर रहे हैं। जूम एवं गूगल मीट के माध्यम से चल रहीं ऑनलाइन क्लास में भी स्कूल जैसे माहौल का अनुभव हो इसके लिए बच्चों को स्कूल ड्रेस पहनकर ही इसमें शामिल होने को कहा गया है। पटेलनगर स्थित एक निजी स्कूल की प्राचार्य टेरेसा डेविड ने बताया कि स्कूल ड्रेस या सामान्य कपड़ों में ऑनलाइन कक्षा में बच्चों के शामिल होने पर अभिभावकों से जानकारी मांगी गई थी। अभिभावकों और विद्यार्थियों का फीडबैक मिलने के बाद इसे अनिवार्य किया गया है। स्कूल ड्रेस पहने के बाद बच्चे ज्यादा अनुशासित रहते हैं। आशियाना नगर इलाके में रहने वाली अभिभावक ज्योति शर्मा ने बताया कि अब ऑनलाइन क्लास में शामिल होने से पहले कक्षा दो में पढ़ने वाली उनकी बेटी स्कूल जाने जैसी तैयारी करती है। कक्षा को लेकर संजीदगी थोड़ी बढ़ी है।
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: जूता-मोजा और नाखूनों की होती है जांच :
बच्चों ने जूता-मोजा पहना है या नहीं, इसकी जांच हर दिन ऑनलाइन कक्षा प्रारंभ होते ही की जाती है। नाखून भी दिखाने होते हैं। बच्चों का नाम पुकार कर उनकी हाजिरी बनती है। शिक्षकों का कहना है कि कक्षा में शरारत बच्चों का स्वभाव है। बच्चों पर नजर के लिए वीडियो कैमरा ऑफ करने की मनाही रहती है। यदि कोई विद्यार्थी अनुशासन भंग करता है तो तत्काल अभिभावक से संपर्क किया जाता है। इससे भी बात नहीं बनती है तो पांच-दस मिनट के लिए ग्रुप से उसे बाहर कर दिया जाता है।
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: तनाव कम होने से सहज होगी पढ़ाई :
मनोचिकित्सक मनोज कुमार का कहना है कि लॉकडाउन में बच्चों के उग्र होने की शिकायत बढ़ गई है। इसका प्रमुख कारण स्कूल की मस्ती और खेलकूद के सीमित विकल्प हैं। ऑनलाइन कक्षा के दौरान बच्चों को चंद मिनट गपशप का भी अवसर मिलना चाहिए। इससे ऑनलाइन कक्षा का माहौल सहज करने में सहूलियत होगी। केंद्रीय विद्यालय बेली रोड के प्राचार्य पीके सिंह का कहना है कि ऑफलाइन कक्षा का विकल्प ऑनलाइन नहीं हो सकता है। लेकिन, बच्चों को सहज करने के लिए अभिभावक और बच्चों से नियमित फीडबैक लिया जाता है।