Patna Flood: जलजमाव के साथ महामारी की मार, डेंगू के आठ सौ मरीज मिले; बाढ़ का खतरा टला
पटना के राजेंद्र नगर व पाटलिपुत्र कालाेनी में सात दिनों बाद भी तीन फीट तक पानी जमा है। हालांकि प्रशासन का दावा है कि स्थिति पर जल्द सुधार होगा। पटना की स्थिति जानिए इस खबर में।
पटना [जागरण टीम]। पनपुन व गंगा में पानी घटने से पटना पर मंडराता बाढ़ का खतरा (Danger of Flood) टल गया है। हालांकि, पटना के पॉश इलाके राजेंद्रनगर (Rajendra Nagar) और पाटलिपुत्र (Patliputra) के साथ-साथ गोला रोड (Gola Road) में नौ दिन बाद भी औसतन तीन फीट जलजमाव है। वहां सड़ते पानी से संक्रमण (Contamination) फैल रहा है।
उधर, स्वास्थ्य विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी (Principal Secretary, Health) संजय कुमार (Sanjay Kumar) ने माना है कि मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इससे महामारी (Epidemic) कर खतरा नहीं है। उन्होंने बताया कि मचछरों से बचाव के लिए 24 टीमें छिड़काव (Fogging) में लगी हैं। अनधिकृत आंकड़े के अनुसार पटना में डेंगू (Dangue) के मरीजों की संख्या आठ सौ पार कर रही है। वैसे प्रिंसिपल सेक्रेटरी संजय कुमार के अनुसार पटना में अभी तक डेंगू के 640 मरीज मिले हैं।
Sanjay Kumar, Principal Secretary Health, Bihar: According to a team of experts from National Institute of Malaria Research & Rajendra Memorial Research Institute of Medical Sciences, Patna, there is no indication of an outbreak of a vector-borne disease in Patna. pic.twitter.com/L3ZsD4LzG2 — ANI (@ANI) October 6, 2019
Sanjay Kumar, Principal Secy, Health, Bihar: The team of experts has also told us that vector density of mosquitoes is increasing. 24 teams are spraying 'Temefos' in Patna to kill mosquitoes. Till now, 900 cases of dengue have come to light in the state, incl 640 cases in Patna. pic.twitter.com/Rg1sj6KuE6 — ANI (@ANI) October 6, 2019
अभी तक जलजमाव से नहीं मिली निजात
हाल की भारी बारिश के बाद हुए जलजमाव से पटना को नौ दिनों बाद भी निजात नहीं मिली है। राजेंद्र नगर, पाटलिपुत्र कालोनी व गोला रोड सहित कई इलाकों में अभी पानी जमा है। जलजमाव से परेशान स्थानीय लोगों ने गोला रोड में प्रदर्शन भी किया। उनके अनुसार गोला रोड में पानी घटता नहीं दिख रहा।
राहत व बचाव अपर्याप्त, स्थिति नारकीय
राहत व बचाव कार्य अपर्याप्त होने के कारण प्रभावित लोगों की स्थिति अभी तक नारकीय बनी हुई है। इस बीच सड़ते पानी व गंदगी ने संक्रमण का खतरा पैदा कर दिया है। बीमारियों में इजाफा हुआ है। पटना में डेंगू महामारी के रूप में फैल गई है।
अभी तक मिले डेंगू के करीब आठ सौ मरीज
जलजमाव से परेशान पटना में डेंगू का कहर बढ़ता जा रहा है। पटना मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में डेंगू के 83 नए मरीज मिले। सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी अस्पतालों में भी काफी संख्या में डेंगू के मरीज भर्ती हैं। पीएमसीएच में अब तक 775 डेंगू के मरीज आ चुके हैं। वैसे, आधिकारिक आंकड़े की बात करें तो शनिवार तक पूरे बिहार में 980 मरीज मिले थे, जिनमें पटना के 640 मरीज शामिल थे।
पीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ. रंजीत कुमार जैमियार का कहना है कि अस्पताल में डेंगू मरीज की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इमरजेंसी में फिलहाल 20 व शिशु विभाग में भी 10 बेड बढ़ाए गए हैं। इमरजेंसी हेड डॉ.अभिजीत सिंह का कहना है कि आइसीयू में 10 बेड डेंगू मरीजों के लिए रिजर्व किए गए हैं। पटना के सिविल सर्जन डॉ. आरके चौधरी का कहना है कि जिले के सभी प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों पर डेंगू मरीजों की जांच की व्यवस्था की गई है। अगर किसी मरीज को तीन दिन से अधिक दिन तक बुखार रहता है तो वह डेंगू की जांच करा ले।
टल गया पटना पर मंडराता बाढ़ का खतरा
जलजमाव से जूझते पटना पर मंडराता बाढ़ का खतरा टल गया है। पुनपुन नदी का जलस्तर 53.51 मीटर पर आने से प्रशासन ने राहत की सांस ली है। हालांकि, अभी भी यह खतरे के निशान से 275 मीटर ऊपर है। वहीं गंगा का जलस्तर भी घट रहा है। गया-पटना और वेना-बिहार शरीफ रेलखंड पर परिचालन अभी ठप है। कई ट्रेनें रूट डायवर्ट कर चलाई जा रही हैं।
गुरुवार और शुक्रवार को पुनपुन के 11 रिंग बांध टूटने के बाद कई गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया था। इससे करीब 87 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। पीडि़तों के लिए प्रशासन की ओर से 33 कम्युनिटी किचेन में भोजन-पानी एवं बच्चों को दूध की व्यवस्था की गई है। जिलाधिकारी कुमार रवि ने मुख्य बांध को सुरक्षित बताया है।
जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने दावा किया है कि पश्चिम और दक्षिण पटना को अगले 24 घंटे में राहत मिल जाएगी। बादशाही नाला से पुनपुन का जलस्तर अभी भी ऊपर है। इससे पटना के दक्षिणी हिस्से से पानी नहीं निकल रहा है। अगले 24 घंटे में उम्मीद है कि नाला से पानी निकलने लगेगा। गंगा में पानी कम हो गया है। दीघा के पास देवना नाला को खोल दिया गया है। इससे पश्चिमी पटना का पानी गंगा में चला जाएगा।
पुनपुन भी घटने लगी है। रविवार से रफ्तार दोगुनी हो जाएगी। इससे दक्षिणी पटना को राहत मिलेगी।
सचिव ने बताया कि इस बार पुनपुन के जलग्रहण क्षेत्र में पांच दिनों तक भारी बारिश हुई। इससे पानी का प्रवाह रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। 1976 में सबसे ज्यादा 53.91 मीटर से मात्र से 30 सेमी नीचे रह गया था। ऐसी स्थिति तीन दिनों तक बनी रही।