3.40 एकड़ के होरहा मंडी तालाब के 22 डिसमिल भूखंड पर कब्जा
मेहंदीगंज थाना अंतर्गत वार्ड 61 के रानीपुर में 3.40 एकड़ भूखंड पर फैले तालाब पर अवैध कब्जा है।
पटना सिटी : मेहंदीगंज थाना अंतर्गत वार्ड 61 के रानीपुर में 3.40 एकड़ भूखंड पर फैले सरकारी होरहा मंडी तालाब पर अतिक्रमणकारी काबिज हैं। जिला प्रशासन द्वारा गठित टीम भूमि सुधार उप समाहर्ता शिव रंजन के नेतृत्व में टीम इस तालाब के भूखंड की वास्तविक स्थिति जांचने के लिए बुधवार को लगातार दूसरे दिन मौके पर पहुंची तो हैरान रह गई। दो दिनों तक इस तालाब के भूखंड की हुई नापी में 22 डिसमिल भूखंड पर कब्जा पाया गया। इनमें से सात डिसमिल भूखंड पर आठ लोगों ने लोहे की चादर की छत डाल कर स्थायी पक्का निर्माण कर लिया है। तालाब के 15 डिसमिल भूखंड पर मिट्टी भर कर आगे से दीवार खड़ी कर अस्थायी कब्जा किया गया है। डीसीएलआर ने बताया कि आगे की कार्रवाई के लिए जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी गई है। होरहा मंडी तालाब से सटे पक्की सड़क गुजरी है। सड़क किनारे तालाब की जमीन पर बने पक्के मकान में कई परिवार रह रहा है। इन मकानों ने हर घर नल का जल के लिए पानी की पाइप का कनेक्शन भी है। तालाब के शेष खाली भूखंड पर पेड़ और जंगल भरा है। सूत्रों की मानें तो इस इलाके में सक्रिय भू माफियाओं ने तालाब के भूखंड का सौदा करना भी शुरू कर दिया है। क्षेत्र में सक्रिय दलालों की मदद से ग्राहकों को जमीन दिखाने का काम निरंतर जारी है। तालाब के भूखंड की दिनभर चली नापी के बाद शाम में तैयार हुई रिपोर्ट साझा करते हुए डीसीएल शिव रंजन ने कहा कि अवैध कब्जा हटाया जाएगा। मत्स्य विभाग द्वारा उड़ाही कराकर तालाब को फिर से मछली पालन के लिए जिदा किया जाएगा। इस क्षेत्र में भूमिगत जल संग्रह के लिए यह तालाब प्राकृतिक का सशक्त जलस्त्रोत है।
कई भूमाफिया सक्रिय, तालाब का तेजी से हो रहा सौदा
क्षेत्र में सक्रिय समाजसेवी, पूर्व उप महापौर एवं वार्ड पार्षद उषा देवी के प्रतिनिधि रूप नारायण मेहता ने कहा कि होरहा तालाब समेत रानीपुर क्षेत्र के अन्य तालाब को बचाना बेहद जरूरी है। निषाद समाज की जीविका के इस साधन पर क्षेत्र में सक्रिय कई भूमाफियाओं की नजर है। तालाब के भूखंड का फर्जी कागजात के आधार पर तेजी से सौदा किया जा रहा है। षड्यंत्र से अनजान लोग अपने जीवन की कमाई लगाकर फंस रहे हैं। श्री मेहता ने कहा कि तालाब की घेराबंदी कराकर उसे विकसित किए जाने की आवश्यकता है ताकि मछली पालन हो सके।