जलजमाव से परेशान 62 एनकाउंटर करने वाले रिटायर्ड DSP ने खुद को गोली मार दे दी जान
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रिटायर्ड डीएसपी के चंद्रा ने पटना में खुद को गोली मार ली उनके शव के पास से तीन पेज का सुसाइड नोट मिला है जिसमें उन्होंने खुदकुशी की वजह बतायी है।
पटना, जेएनएन। बेउर थाना के मित्रमंडल कॉलोनी फेज-2 में रहने वाले रिटायर्ड डीएसपी के. चंद्रा (68) ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से खुद की कनपट्टी में गोली मारकर जान दे दी। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव के समीप से एक पिस्टल व तीन पन्नों का सुसाइड नोट बरामद किया है। के चंद्रा चर्चित पुलिस पदाधिकारी रहे हैं और उनकी पहचान एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में थी। डीएसपी संजय कुमार पांडेय ने बताया कि प्रथमदृष्टया मामला खुदकुशी का है। घटनास्थल पर एफएसएल टीम पहुंची और नमूने लेकर जांच के लिए भेजा।
डिप्रेशन में थे डीएसपी के.चंद्रा
डीएसपी ने अपने सुसाइड नोट में 16 वर्ष से खुद को डिप्रेशन की बीमारी से ग्रस्त बताया है और मुंबई-दिल्ली में इलाज के बाद भी कई दिनों से नींद नहीं आने की बात लिखी है। साथ ही अपने मोबाइल से लेकर पत्नी की पेंशन व बैंक खाते से पैसा ट्रांसफर करने की सलाह भी अपने बेटे और बेटी को दी है।
घर के बाहर जलजमाव से भी थे परेशान
सुसाइड नोट में रिटायर्ड डीएसपी ने घर के बाहर जलजमाव को भी तनाव का कारण बताया। पुत्र निश्चय श्रेष्ठ ने बताया कि के. चंद्रा ने सोमवार को पड़ोसी को घर बुलाकर जलजमाव पर नाराजगी जाहिर की थी।
पहले लिखा सुसाइड नोट, फिर खुद को गोली से उड़ाया
सेवानिवृत्त डीएसपी के पुत्र व पेशे से अधिवक्ता निश्चय श्रेष्ठ ने बताया कि पिता मंगलवार की सुबह जागने के बाद अपने कमरे से निकलकर बरामदे में बैठे और सुसाइड नोट लिखा। इसके कुछ देर बाद अपने कमरे में गए और वहां से लाइसेंसी पिस्टल निकालकर कनपट्टी के दाएं हिस्से में गोली मारकर जीवनलीला समाप्त कर ली। फायङ्क्षरग की आवाज सुनकर दूसरे कमरे में सो रहे पुत्र निश्चय श्रेष्ठ पिता के.चंद्रा के कमरे की ओर दौड़े। गोली लगने से सेवानिवृत्त डीएसपी की मौके पर ही मौत हो गई थी। सूचना मिलने के बाद पुत्री प्रिंयका कुमार अपने पति के साथ पुनाईचक से बेऊर पहुंची। बड़े बेटे परिचय श्रेष्ठ मुंबई में बैंक अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।
62 अपराधियों का किया था एनकाउंटर
व शाली के सैदपुर के मूल निवासी के चंद्रा वर्ष 1975 में सब-इंस्पेक्टर के पद पर बहाल हुए। अपनी सख्त कार्यशैली के कारण कम समय में ही काफी शोहरत कमाई थी। उन्होंने पटना, मोकामा समेत कई थाने में थानेदारी और 1995 में डीएसपी के पद पर तैनाती के दौरान कई अपराधियों का एनकाउंटर किया था। एसटीएफ में के. चंद्रा को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहा जाता था।
पुत्र निश्चय श्रेष्ठ ने बताया कि पिता के.चंद्रा ने नौकरी में रहते कुल 62 अपराधियों का एनकाउंटर किया था। साथ ही रोसड़ा में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में दो नक्सली को मार गिराने में के. चंद्रा की बड़ी भूमिका रही थी। पुत्र के अनुसार मोकामा के कुछ अपराधियों ने के. चंद्रा के घर का लोकेशन भी ले रखा था। वे वर्ष 2012 में सोनपुर रेल डीएसपी के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।
1972 में शतरंज के स्टेट चैंपियन रह चुके थे के चंद्रा
ख दकशी की खबर मिलते ही वर्ष 1975 में साथ में ट्रेनिंग करने वाले सेवानिवृत्त एएसपी अंजनी सिन्हा के चंद्रा के घर पहुंचे। नम आंखों से के. चंद्रा की जांबाजी का जिक्र करते हुए अंजनी सिन्हा ने बताया कि वर्ष 1972 में अंतर विश्वविद्यालय शतरंज प्रतियोगिता में के. चंद्रा चैंपियन हुए थे। इतना बहादुर पुलिस अफसर खुद को गोली मार लेगा विश्वास नहीं हो पा रहा है।