पटना के इस विभाग में साल बार में एक ही बार मिलता है वेतन, पांच साल से चल रहा है यह सिलसिला
नौकरीपेशा लोग महीने का अंत आते-आते वेतन का इंतजार करने लगते हैं लेकिन महीने की जगह अगर साल में एक बार वेतन मिले तो... इस बात से चौंकिए नहीं। राज्य के एक विभाग में ऐसा ही हो रहा है।
पटना, जागरण संवाददाता। नौकरीपेशा लोग महीने का अंत आते-आते वेतन का इंतजार करने लगते हैं, लेकिन महीने की जगह अगर साल में एक बार वेतन मिले तो... इस बात से चौंकिए नहीं। राज्य के एक विभाग में ऐसा ही हो रहा है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के पार्क प्रमंडल के तहत आने वाले गोलघर पार्क के कर्मियों को वेतन साल में एक बार दिया जाता है। यह सिलसिला बीते पांच साल से चल रहा है। बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम ने रखरखाव के लिए गोलघर पार्क वन विभाग को सौंप रखा है। इसके लिए पर्यटन विकास निगम वन विभाग को 32 लाख रुपये सलाना भुगतान भी करता है। इस राशि में गोलघर पार्क में प्रकाश और पानी की व्यवस्था, झूले का रख-रखाव, पार्क के घास की कटाई, पेड़-पौधे का रख-रखाव होता हैं।
विभाग की ओर से पैसा आता है तो भुगतान किया जाता : एमडी
बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के एमडी प्रभाकर ने कहा कि जब विभाग की ओर से पैसा आता है तब वन विभाग को भुगतान किया जाता है। गोलघर पार्क के रखरखाव के लिए वर्ष में एक बार लगभग 32 लाख रुपये वन विभाग को दिए जाते हैं।
पटना पार्क प्रमंडल के डीएफओ शशिकांत ने बताया कि पर्यटन विभाग की ओर से गोलघर पार्क के रखरखाव के लिए लगभग 32 लाख रुपये साल में एक बार दिया जाता है। गोलघर पार्क का रख-रखाव अच्छे से किया जाता है। पार्क के कर्मी साल भर अपने वेतन के भुगतान का इंतजार करते हैं।
पार्क के कर्मचारी राम प्रवेश राय ने बताया कि गोलघर पार्क में पिछले लगभग पांच वर्षों से साल में एक बार ही वेतन का भुगतान किया जा रहा है। इससे पहले हर महीने वेतन का भुगतान किया जाता था। कर्ज लेकर किसी तरह घर चलाना पड़ता है। किशोर सहनी ने बताया कि पिछले पांच महीनों से गोलघर पार्क में काम कर रहा हूं। पर अभी तक एक बार भी पैसा नहीं मिला है। घर चलाना मुश्किल हो रहा है। यहां साल में एक बार ही वेतन का भुगतान किया जाता है।
पार्क सुपरवाइजर नरेश प्रसाद ने बताया कि पिछले 10 वर्षों से गोलघर पार्क में काम कर रहे हैं। पांच साल पहले वेतन का भुगतान हर महीने होता था, लेकिन अब वर्ष में एक बार ही वेतन का भुगतान हो रहा है। आनंद कुमार ने बताया कि पिछले आठ महीने से गोलघर पार्क में काम कर रहे हैं, लेकिन अभी तक पैसा नहीं मिला है। पिताजी घर का खर्च चला रहे हैं। यहां पर साल में एक बार वेतन का भुगतान किया जाता है।