अंडा विक्रेता को डॉक्टरों ने दिया जीवनदान
राजधानी के राजवंशीनगर हड्डी-नस रोग सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने एक जटिल सर्जरी की।
पटना । राजधानी के राजवंशीनगर हड्डी-नस रोग सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने शनिवार को मनेर के एक गरीब अंडा विक्रेता की गर्दन की जटिल सर्जरी कर नया जीवनदान दिया। पहली बार किसी सरकारी अस्पताल में इस तरह की जटिल सर्जरी की गई है। वह पिछले एक साल से गर्दन के दर्द से काफी परेशान था। उसकी गर्दन की नसों पर दबाव के कारण हाथों ने काम करना बंद कर दिया था। वह अपने इलाज के लिए दिल्ली एम्स, एसपीजीआइ लखनऊ, एम्स पटना, आइजीआइएमएस सहित देश के कई संस्थानों में भटकता रहा। सभी ने सर्जरी की सलाह दी, लेकिन पैसे के अभाव में कहीं पर सर्जरी नहीं हुई। अंत में वह तीन माह पहले राजवंशीनगर अस्पताल पहुंचा। यहां पर डॉक्टरों ने आवश्यक जांच के उपरांत मरीज को सर्जरी करने का निर्णय लिया। बात संस्थान के निदेशक डॉ. एनएन राय तक पहुंची तो उन्होंने भी सहयोग का आश्वासन दिया। निदेशक से हरी झंडी मिलते ही अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. शाश्वत कुमार एवं डॉ. श्याम किशोर ने मरीज का ऑपरेशन किया। डॉक्टरों का कहना है कि गर्दन की हड्डी सी-5 एवं सी-6 के पास नस पर काफी दबाव था, जिससे मरीज के दोनों हाथ ठीक से काम नहीं कर रहे थे। अगर सर्जरी नहीं की जाती तो मरीज पूरी तरह से लकवा का शिकार हो जाता। डॉक्टरों ने आज हड्डी की छंटाई कर नस पर दबाव कम किया, जिससे मरीज को काफी राहत मिली। ऑपरेशन लगभग तीन घंटे तक चला। डॉक्टरों का कहना है कि एक सप्ताह बाद मरीज को अस्पताल से घर भेज दिया जाएगा। मरीज के ऑपरेशन के बाद स्वस्थ देखकर परिजनों ने संस्थान के डॉक्टरों को धन्यवाद दिया। इस तरह की सर्जरी पहली बार राजधानी के किसी सरकारी अस्पताल में की गई है। निजी अस्पतालों में इस तरह की सर्जरी के लिए एक से डेढ़ लाख की लागत आती है। राजधानी के एक-दो निजी अस्पतालों में ही इस तरह की सर्जरी की व्यवस्था है।