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मुस्लिम महिलाओं के सशक्तीकरण को शिक्षा आवश्यक

मुस्लिम महिलाओं को सशक्त करने के लिए शिक्षित करना आवश्यक है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Dec 2018 09:17 PM (IST)Updated: Fri, 21 Dec 2018 09:17 PM (IST)
मुस्लिम महिलाओं के सशक्तीकरण को शिक्षा आवश्यक
मुस्लिम महिलाओं के सशक्तीकरण को शिक्षा आवश्यक

पटना। मुस्लिम महिलाओं को सशक्त करने के लिए शिक्षित करना आवश्यक है। बिना शिक्षित हुए न तो महिलाएं अपने हक को समझ सकेंगीं, न आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो पाएंगी। हाल के वर्षो में बिहार में मुस्लिम महिलाओं की शिक्षा का स्तर सुधरा है। दो दशक पूर्व जहां महिलाओं की साक्षरता दर पांच प्रतिशत से भी कम था, वहीं आज यह दर तीस फीसद से भी ज्यादा हो गयी है। मुस्लिमों की कुल साक्षरता दर भी 30 फीसद से बढ़कर 42 हो गयी है। स्ट्रेटजी एंड एप्रोचेज इंपाव¨रग यंग मुस्लिम विषयक संगोष्ठी के दौरान इस तरह की राय वक्ताओं ने व्यक्त की। संगोष्ठी का आयोजन अमेरिकन फेडरेशन ऑफ मुस्लिम ऑफ इंडियन ओरिजिन (एफमी )और फोरम फॉर लिटरेसी अवेयरनेस (फ्लेम) ने किया। संगोष्ठी की जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एफमी के फाउंडर डॉ. एएस नाकादार, टोरंटो के शिराज ठकोर, प्रख्यात चिकित्सक अहमद अब्दुल हई, फरहत हसन, खुर्शीद अहमद ने संयुक्त रूप से दी। बताया गया कि संगोष्ठी के दौरान युवा मुस्लिमों और महिलाओं को सशक्त करने के लिए विमर्श हो रहा है। 23 दिसंबर तक विभिन्न सत्रों में देश-विदेश से आए विशेषज्ञ अलग-अलग मुद्दों पर विमर्श करेंगे। संगोष्ठी के दौरान फ्लेम के अध्यक्ष डॉ. एए हई ने यह घोषणा की कि बिहार में हर साल दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में सर्वाधिक अंक लाने वाले मुस्लिम छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया जाएगा। यूएनएफपीए के मो. नदीम नूर ने कहा कि बिहार में मुस्लिमों की साक्षरता दर में वृद्धि हुई है, पर 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दिया जाना चिंता का विषय है। यूनिसेफ के असदुर रहमान ने कहा कि सभी मुस्लिम बच्चे-बच्चियों को विकास का समान अवसर मिलना चाहिए। वेंकटेश श्रीनिवासन ने कहा कि मदरसा के पाठयक्रम में सुधार लाने की आवश्यकता है।

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हर जिले में खुल रहा आवासीय विद्यालय

उद्घाटन सत्र में मौजूद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि अल्पसंख्यकों के सुधार के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। हर जिले में आवासीय विद्यालय खोला जा रहा है। मदरसों के भवनों का निर्माण किया जा रहा है। अब मदरसों को अनुदान दिये जाने की भी योजना है। संगोष्ठी को एएमयू के पूर्व कुलपति जमीरउद्दीन शाह , मो. कुतुबुद्दीन ने भी संबोधित किया।


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