लापरवाह हेडमास्टरों पर एक्शन लेगा शिक्षा विभाग, सभी जिलों से मांगी विशेष नामांकन अभियान की रिपोर्ट
बिहार के सरकारी स्कूलों में नौवीं कक्षा में नामांकन के लिए चलाए गए विशेष नामांकन अभियान प्रवेशोत्सव की रिपोर्ट शिक्षा विभाग ने सभी जिलों से मांगी है। रिपोर्ट के अवलोकन के बाद लापरवाही बरतने वाले हेडमास्टरों पर कार्रवाई की जाएगी।
पटना, राज्य ब्यूरो। राज्य में नौवीं कक्षा में नामांकन अभियान में लापरवाही बरतने वाले प्रधानाध्यापकों पर कार्रवाई होगी। फिलहाल शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) ने सभी 9,360 माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नौवीं कक्षा में नामांकन लेने वाले छात्र-छात्राओं की रिपोर्ट सभी जिलों से मांगी है। इसके लिए एक से 31 जुलाई तक विशेष नामांकन अभियान (प्रवेशोत्सव) चलाया गया था। शिक्षा विभाग ने ऐसे प्रधानाध्यापकों के बारे में रिपोर्ट मांगी है, जिनके विद्यालय के कार्यक्षेत्र में नौंवीं कक्षा में नामांकन कम हुआ है। एक माह के अभियान में एक लाख 60 हजार छात्र-छात्राओं का नामांकन हुआ है। हालांकि जिन छात्र-छात्राओं का नामांकन नौवीं कक्षा में नहीं हुआ है, उनका नामांकन अगस्त में भी जारी रहेगा।
- दिव्यांग छात्र-छात्राओं के बारे में भी ब्योरा देना अनिवार्य
- 18 प्रतिशत छात्राएं आठवीं के बाद नहीं पढ़तीं आगे की कक्षाओं में
- अगस्त महीने में भी जारी रहेगा नामांकन
- प्रधानाध्यापकोंं को देना है शपथ पत्र
शिक्षा विभाग ने विशेष नामांकन अभियान की रिपोर्ट सभी जिलों से मांगी
शिक्षा विभाग के मुताबिक सात अगस्त तक प्रधानाध्यापकों को यह शपथ पत्र देना है कि उनके इलाके में आठवीं पास छात्र-छात्राओं का नौंवीं कक्षा में शत-प्रतिशत नामांकन हो गया है। साथ ही रिपोर्ट में इसका भी उल्लेख करना अनिवार्य है कि नौवीं कक्षा में नामांकन लेने वाले कितने दिव्यांग हैं। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिया है। आदेश में कहा गया है कि विशेष नामांकन अभियान के तहत नौवीं कक्षा में नामांकन लेने वाले छात्र-छात्राओं का पूरा ब्योरा सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराएं। एक अनुमान के मुताबिक 18 प्रतिशत छात्राएं और 17 प्रतिशत आठवीं के बाद नौवीं कक्षा में नामांकन नहीं लेते हैं। ऐसे बच्चों को चिह्नित कर विशेष नामांकन अभियान चलाया गया था। अभियान में यह पता करना भी था कि किस कारण से बच्चे आठवीं पास होने के बावजूद नौवीं कक्षा में नामांकन से वंचित रह जाते हैं।