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शिक्षित बेटियां बनेंगी सूबे के विकास की वाहक : मंगल पांडेय

सूबे की शिक्षित बेटियां विकास का वाहक बनेंगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 10:25 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 10:25 PM (IST)
शिक्षित बेटियां बनेंगी सूबे के विकास की वाहक : मंगल पांडेय
शिक्षित बेटियां बनेंगी सूबे के विकास की वाहक : मंगल पांडेय

पटना । सूबे की शिक्षित बेटियां विकास का वाहक बनेंगी। जैसे-जैसे सूबे की लड़कियां शिक्षित हो रही हैं, जनसंख्या वृद्धि दर में गिरावट आ रही है। प्रदेश की जनसंख्या वृद्धि दर कम करके ही हम विकास की कल्पना कर सकते हैं। ये बातें शुक्रवार को राजधानी के एक होटल में आयोजित सेमिनार में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहीं। कार्यक्रम का आयोजन ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज, ग्रामीण एवं नगर विकास परिषद एवं अग्रगामी इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। सेमिनार का विषय था : परिवार नियोजन के बारे में जागरूकता बढ़ाना एवं सामुदायिक चैम्पियनों की भूमिका की पहचान।

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इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अभी हाल में स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक सर्वे कराया गया था, जिसमें कई आश्यर्चजनक तथ्य सामने आए हैं। मंत्री ने कहा कि सर्वे में देखा गया कि इंटर पास जितनी लड़कियों की शादी की गई हैं, उन लड़कियों के टोटल फर्टिलिटी रेट में राष्ट्रीय स्तर से गिरावट आई है। वर्तमान में देश में इंटर पास लड़कियों की टोटल फर्टिलिटी रेट 1.8 है, जबकि बिहार में 1.7 है। उसी तरह स्नातक पास महिलाओं की टोटल फर्टिलिटी रेट देश में 1.7 है, जबकि बिहार में 1.6 है। इससे संकेत मिल रहा है कि जैसे-जैसे प्रदेश की लड़कियां शिक्षित हो रही हैं, जनसंख्या वृद्धि दर में गिरावट आ रही है। मंत्री ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि रोकने के लिए सरकार समुचित उपाय कर रही है। पटना छोड़कर राज्य के सभी जिलों में अंतरा इंजेक्शन की व्यवस्था कर दी गई है। यह इंजेक्शन तीन माह तक काम करता है। इस इंजेक्शन की राज्य में सर्वाधिक खपत हो रही है। अंतरा का सर्वाधिक उपयोग करने वाला राज्य बिहार है, जबकि दूसरा स्थान राजस्थान का है। केंद्र सरकार देश के 146 जिलों में अंतरा वितरित कर रही है। इस अवसर पर आए अतिथियों का स्वागत ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज के वरीय प्रबंधक संजय सुमन ने किया। इस अवसर पर ग्रामीण एवं नगर विकास परिषद के संयोजक राम किशोर सिंह ने कहा कि जागरूकता से ही सूबे में जनसंख्या कम की जा सकती है। इसके लिए राज्यभर में 90 संगठनों का एक महासंघ बनाया गया है, जो तीस जिलों में परिवार नियोजन के क्षेत्र में काम करेगा।


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