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ईएसआइसी अस्पताल में एक छत के नीचे होगा हर बीमारी का इलाज

सूबे में श्रमिकों के लिए राजधानी के फुलवारीशरीफ स्थित एकमात्र केंद्रीयकृत ईएसआइस अस्पताल में कई सुपर-स्पेशिएलिटी अस्पताल में कई नए विभाग खुलेंगे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Dec 2017 03:00 AM (IST)Updated: Sun, 03 Dec 2017 03:00 AM (IST)
ईएसआइसी अस्पताल में एक छत के नीचे होगा हर बीमारी का इलाज
ईएसआइसी अस्पताल में एक छत के नीचे होगा हर बीमारी का इलाज

पटना । सूबे में श्रमिकों के लिए राजधानी के फुलवारीशरीफ स्थित एकमात्र केंद्रीयकृत ईएसआइसी मॉडल अस्पताल है जहां राज्य के छह लाख से अधिक श्रमिकों का इलाज होता है। वर्तमान में इस अस्पताल में मात्र पचास बेड हैं तथा विभागों के विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं हैं। इसके कारण श्रमिकों को दूसरे अस्पतालों में रेफर करना एक बड़ी मजबूरी है। सालाना तीन करोड़ से अधिक की राशि दूसरे अस्पतालों को देनी पड़ती है। केंद्र सरकार ने इस अस्पताल को सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बनाने का निर्णय लिया है। 5.6 एकड़ में बने इस अस्पताल के जीर्णोद्धार के लिए 100 करोड़ की राशि स्वीकृत की है। इसके निर्माण का जिम्मा मेकॉन कंपनी को दिया गया है। एक ही परिसर में अस्पताल के साथ ही आवासीय व्यवस्था भी होगी जहां सारे चिकित्सक व कर्मचारी रहेंगे। अस्पताल के निर्माण का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।

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दो मीटर तक ऊंची हो सकती है सतह :

अस्पताल का एरिया लो-लैंड है। इस कारण सबसे पहले इसके भवनों को तोड़कर इसे डेढ़ से दो मीटर ऊंचा किया जाएगा। भवनों को तोड़ने का काम शुरू हो चुका है। दिसंबर के अंत तक सारे भवनों को तोड़कर इसकी सतह को दो मीटर तक ऊंचा कर दिया जाएगा।

: 150 बेड का होगा अस्पताल :

प्रस्तावित पांच मंजिले अस्पताल को 150 बेड की क्षमता का बनाया जा रहा है। अभी 50 बेड की ही क्षमता है। अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर रजिस्ट्रेशन काउंटर एवं ओपीडी बनाया जाएगा। यहीं पर दवा वितरण काउंटर भी बनाया जाएगा जहां से मरीजों को मुफ्त दवाएं दी जाएंगी। पहले फ्लोर पर अस्पताल का प्रशासनिक भवन होगा। दूसरी तरफ कर्मचारियों के काम करने की जगह होगी। तीसरे तल पर मरीजों के लिए वार्ड बनाए जाएंगे। चौथे व पांचवें तल पर विशेष विभागों के चिकित्सक होंगे जहां मरीजों का इलाज होगा।

: कौन-कौन सी बीमारियों का होगा इलाज :

नए अस्पताल में मेडिसिन व सर्जरी के साथ ही आर्थोपेडिक के साथ ही स्त्री व प्रसूति रोग का विभाग तो होगा ही गंभीर बीमारियों के भी इलाज की व्यवस्था होगी। यहां न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, गैस्ट्रोलॉजी के अलग से विभाग बनाए जाएंगे। इसके विशेषज्ञ चिकित्सकों की बहाली की जाएगी। आधुनिकतम उपकरणों से लैस नेत्र विभाग बनाया जाएगा जहां फेको-मशीन के साथ ही लेजर सर्जरी भी की जाएगी। आधुनिक सुविधाओं से लैस ऑपरेशन थिएटर बनाया जाएगा। चार-चार ऑपरेशन थिएटर बनाए जाएंगे।

: अस्पताल में होंगे सारे आधुनिक उपकरण :

इस अस्पताल में आधुनिक मशीनों से खून-पेशाब के साथ ही सारी तरह की जांचों की व्यवस्था होगी। यहां अलग से डिजिटल एक्सरे, डिजिटल अल्ट्रासाउंड, एमआरआइ, इको लैब, कैथ लैब, टीएमटी आदि मशीनों की व्यवस्था होगी।

: प्रतिदिन 1200 से 1500 मरीजों का होगा इलाज :

नए बन रहे अस्पताल में प्रतिदिन आउटडोर में 1200 से 1500 मरीजों के इलाज की व्यवस्था की गई है। अभी 800 से 900 मरीजों का इलाज हो रहा है। अभी जहां अस्पताल में 50 चिकित्सक हैं वहीं सब बन जाने के बाद इनकी संख्या बढ़कर 80 तक हो सकती है। अभी दूसरे अस्पतालों में रेफर करने से कर्मचारी बीमा निगम को सालाना 3 करोड़ से अधिक का नुकसान उठाना पड़ रहा है। सारे विभागों के बन जाने से यह राशि बच जाएगी।

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सारी सुविधाओं से लैस सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इस अस्पताल में सारे विभागों के चिकित्सक हैं जिससे मरीजों को इलाज के लिए दूसरे अस्पतालों में जाना नहीं पड़ेगा। मरीजों व चिकित्सकों के वाहनों की पार्किंग तक की बेहतर व्यवस्था की गई है। अस्पताल के ठीक सामने ही खूबसूरत पार्क भी बना होगा। सारे चिकित्सकों व कर्मचारियों के आवास के लिए मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाई जा रही है। 19 महीने के अंदर यह अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा।

- डॉ. मो. फैयाज अहमद, ईएसआइसी मॉडल हॉस्पिटल, फुलवारीशरीफ, पटना।


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