तेजस्वी को ईडी की तीसरी नोटिस, इस बार नहीं गए तो हो जाएगी मुश्किल
प्रवर्तन निदेशालय ने लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव को दस अक्टूबर को तथा ग्यारह अक्टूबर को राबड़ी देवी को रेलवे होटल टेंडर घोटाला मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है।
पटना [जेएनएन]। राजद अध्यक्ष लालू यादव के परिवार की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ती ही दिखाई दे रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय, ईडी ने उनके छोटे पुत्र और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को तीसरी बार नोटिस भेजकर दिल्ली स्थित मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया है। उनके लिए दस अक्टूबर की तारीख मुकर्रर की गई है।
वहीं, लालू यादव की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को भी ईडी ने नोटिस भेजकर ग्यारह अक्टूबर को पूछताछ के लिए बुलाया है। राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से ईडी आइआरसीटीसी रेलवे टेंडर घोटाला मामले में पूछताछ करेगी। अगर इस बार तेजस्वी यादव पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं होते हैं तो उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
बता दें कि आईआरसीटीसी रेलवे टेंडर घोटाले मामले में लालू यादव ,राबड़ी देवी सहित तेजस्वी यादव के खिलाफ सीबीआई ने भी मामला दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि ईडी ने उसी मामले को आधार बनाते हुए अपनी ओर से भी मुकदमा दर्ज किया था। जानकारी के मुताबिक यदि इस बार तेजस्वी यादव ईडी की इस नोटिस को हल्के में लेते हैं, तो उन पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
इससे पहले मंगलवार को सीबीआई ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद और उनके पुत्र तेजस्वी यादव को कथित भ्रष्टाचार के मामले में पूछताछ के लिये क्रमश: तीन और चार अक्तूबर को जांच एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने के लिये नये सिरे से सम्मन जारी किया था।
लेकिन, सीबीआई ने लालू की जांच दल के समक्ष उपस्थित होने के लिये 15 दिन का वक्त दिये जाने की मांग करने वाली अर्जी ठुकरा दी है। लालू के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार का यह मामला एक निजी फर्म को रेलवे के दो होटलों के रखरखाव का ठेका देने से संबंधित है।
यह मामला 2006 का है, जब लालू केंद्र में रेल मंत्री थे। एजेंसी सूत्रों ने बताया कि तेजस्वी को भी तलब किया गया था। उन्होंने अपने वकील को भेजा। उन्होंने और समय दिये जाने का अनुरोध किया। सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा कि लालू को अब तीन अक्तूबर और तेजस्वी को चार अक्तूबर को तलब किया गया है।
मामला उन आरोपों से संबंधित है जिसमें कहा गया है कि रेल मंत्री के तौर पर लालू ने रांची और पुरी में आईआरसीटीसी द्वारा संचालित दो होटलों का रख-रखाव सुजाता होटल को सौंप दिया। इसके बदले में उन्होंने कथित तौर पर बेनामी कंपनी के जरिये पटना में तीन एकड़ महत्वपूर्ण जमीन हासिल की।
सुजाता होटल का स्वामित्व विनय और विजय कोचर के पास है। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि लालू ने विनय और विजय कोचर को अनुचित फायदा पहुंचाने के लिये अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और बेनामी कंपनी डिलाइट मार्केटिंग कंपनी के जरिये महंगी जमीन हासिल की थी। बदले में उन्होंने बेईमानी और कपटपूर्ण तरीके से दोनों होटलों का ठेका विनय और विजय कोचर को दिया।
सुजाता होटल को ठेका दिये जाने के बाद डिलाइट मार्केटिंग का स्वामित्व भी सरला गुप्ता से राबड़ी देवी के हाथ में 2010 में और 2014 में तेजस्वी यादव के हाथ में आ गया। इस समय तक लालू ने रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। सीबीआइ ने लालू, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया।