ED की बड़ी कार्रवाई, लालू की बेटी मीसा भारती का फार्म हाऊस किया सील
मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने आज बड़ी कार्रवाई करते हुए लालू यादव की बेटी मीसा भारती के दिल्ली स्थित फार्म हाउस को सील कर दिया है। फार्म हाउस के मालिक मीसा और उनके पति शैलेश हैं।
पटना [जेएनएन]। मनी लान्ड्रिंग केस में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने आज बड़ी कार्रवाई करते हुए लालू यादव की बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती के बिजवासन में मौजूद फार्महाऊस को सील कर दिया है। मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मीसा भारती के इस फार्म हाऊस को सील किया गया है।
ये वो फार्महाऊस है जिसका फिलहाल मीसा भारती कोई इस्तेमाल नहीं करती हैं। मीसा पर आरोप है कि फर्जी कंपनियों से मिले पैसे से भारती ने ये फार्महाऊस खरीदा है। मीसा समेत उनके पति पर भी फर्जी कंपनियों से पैसे जुटाने का आरोप है।
मिशेल कंपनी के नाम पर तब खरीदा जब लालू केंद्र में रेल मंत्री थे
फार्म हाऊस मिशेल कंपनी के नाम पर खरीदा गया था। साल 2008-09 में शैल कंपनियो के जरिए जब पैसा आया था, तब लालू यादव केंद्र में रेल मंत्री थे। शैल कंपनियो के जरिए आए पैसे से ही यह फार्म हाऊस खरीदा गया था।
जुलाई में ईडी ने मीसा के तीन ठिकानों पर की थी छापेमारी
जुलाई में मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ईडी ने मीसा भारती के तीन ठिकानों पर छापेमारी की थी। दिल्ली की जिस प्रॉपर्टी को ईडी ने अटैच किया है उसकी कीमत करोड़ों में है। मीसा का यह फॉर्म हाउस नंबर 26 पालम में बना हुआ है। इसकी ओनर मीसा भारती और उनके पती शैलेश हैं। इस फार्म हाउस की कागजों में कीमत 1.41 करोड़ रुपये है, वहीं संपत्ति की बाजार में कीमत 40 करोड़ रुपये की है।
मीसा-शैलेश पर फर्जी कंपनियों के सहारे 800 करोड़ की ब्लैकमनी को व्हाइट करने का आरोप है। इस मामले में शैलेश से कई घंटों की पूछताछ हो चुकी है, तो मीसा को भी ईडी पूछताछ के लिए बुला चुकी है।
मीसा के सीए राजेश अग्रवाल को किया था गिरफ्तार, मिली जमानत
बताते चलें कि एक करोड़ बीस लाख रुपये शैल कंपनियो के जरिए आया था। ईडी ने इस मामले में मीसा-शैलेश के सीए राजेश अग्रवाल को गिरफ्तार किया था, हालांकि सोमवार को दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें जमानत दे दी। विशेष न्यायाधीश नरेश कुमार मल्होत्रा ने सीए राजेश अग्रवाल को दो लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी और कहा कि उन्हें हिरासत में रखकर कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा।
सीए के जमानत का विरोध
अग्रवाल ने राहत मांगते हुए दावा किया कि वह न्यायिक हिरासत में हैं और उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की अब जरूरत नहीं है। सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक नीतीश राना ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जांच अब भी जारी है और आरोपी को जमानत पर रिहा करने का यह सही समय नहीं है।
उन्होंने अदालत को बताया कि मामला शुरूआती चरण में है और अगर जमानत मंजूर की जाती है तो आरोपी सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है। ईडी के अनुसार, अग्रवाल संदिग्ध कर चोरी को लेकर जांच के दायरे में चल रहीं मीसा भारती से कथित रूप से संबंधित एक फर्म के कुछ लेनदेन से जुड़े हैं।
मामला उस समय सामने आया था जब ईडी ने इस साल फरवरी में धन शोधन रोकथाम कानून के तहत एक आपराधिक शिकायत दर्ज की थी।
35 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल
ईडी ने सीए राजेश अग्रवाल, व्यवसायी भाइयों सुरेंद्र जैन व वीरेंद्र जैन और अन्य कंपनियों सहित 35 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया है। अग्रवाल पर जैन बंधुओं, सुरेंद्र जैन और वीरेंद्र जैन की मदद से संदिग्ध लेनदेन के जरिए काले धन को सफेद करने का आरोप है। ईडी ने जैन बंधुओं को 20 मार्च को गिरफ्तार किया था। ईडी ने मई में इस मामले में अपना पहला आरोप-पत्र दायर किया था। इसके बाद 22 मई को अग्रवाल को गिरफ्तार किया था।