Dy CM सुशील मोदी की बड़ी घाेषणा, बिहार में 903 पशु चिकित्सकों की नियुक्ति शीघ्र
बिहार में पशु चिकित्सकों की कमी जल्द ही दूर हो जाएगी। इसकी जानकारी ‘पशु पोषण’ पर आयोजित कॉन्फ्रेंस के समापन समारोह में डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने दी।
पटना [जेएनएन]। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य में 903 पशु चिकित्सकों की नियुक्ति शीघ्र की जायेगी। सुशील मोदी बिहार वेटनरी कॉलेज के सभागार में बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के तत्वावधान में ‘पशु पोषण’ पर आयोजित तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने पशु चारा व प्रजनन नीति के संबंध में भी विचार व्यक्त किए।
नियुक्ति की साक्षात्कार प्रक्रिया पूरी
उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए बीपीएससी ने साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इस नियुक्ति से पशु चिकित्सकों की कमी दूर होगी। उन्होंने बताया कि बिहार देश का पहला राज्य है जहां पशु चिकित्सा की पढ़ाई करने वाले छात्रों को प्रतिमाह दो हजार रुपये की छात्रवृत्ति दी जाती है।
पशु आहार फैक्ट्री लगेगी
मोदी ने कहा कि भोजपुर के बिहिया में 300 मे.टन क्षमता का पशु आहार कारखाना अगले साल जनवरी में प्रारंभ हो जाएगा। महेशखूंट में भी 300 मे. टन पशु आहार उत्पादन क्षमता की फैक्ट्री लगायी जा रही है। इसके अलावा मछली आहार की 10 नई फैक्ट्री भी लगाई जायेगी।
बिहार में सूखा चारा की 37 प्रतिशत, हरा चारा की 60 प्रतिशत और काॅन्संट्रेट चारा की 42 प्रतिशत कमी है। कॅम्फेड की ओर से पटना, मुजफ्फरपुर और रांची में पशु आहार की 460 मे. टन उत्पादन क्षमता की तीन फैक्ट्रियां कार्यरत हैं।
पशु प्रजनन नीति का गठन
सुशील मोदी ने बताया कि बिहार में पशु प्रजनन नीति का गठन किया गया है, जिसके तहत किस नस्ल के पशु को किस क्षेत्र में विकसित किया जाए और उसके कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा दिया जा रहा है। बक्सर के डुमरांव में भारत सरकार की ‘गोकुल ग्राम मिशन’ के तहत आठ करोड़ की लागत से गायों के देशी नस्ल के विकास की योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। 2017-18 में पशुओं को पांच करोड़ से ज्यादा टीका लगाए गए हैं। पशुओं के इलाज के लिए चलंत वैन की व्यवस्था की गई है।
मछली आहार की फैक्ट्री के लिए अनुदान
उन्होंने बताया कि फिलवक्त देश में बिहार मछली और सब्जी उत्पादन में तीसरे, गेहूं, धान के उत्पादन में छठे और दूध के उत्पादन में नौवें स्थान पर है। 2005-06 में मछली का उत्पादन जहां 2.80 लाख मे.टन था वहीं 2017-18 में बढ़ कर 5.78 लाख मे.टन हो गया। मछली आहार की फैक्ट्री के लिए एक करोड़ तक निवेश करने वालों को 50 लाख तथा 10 लाख तक निवेश करने वालों को पांच लाख रुपये राज्य सरकार अनुदान देगी।