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Bihar Flood News Update: बिहार में कोरोना के चलते तैयारियों में कसर से बाढ़ का खतरा, उत्‍तर बिहार में बढ़ने लगीं नदियां

बिहार के कई जिलों में दो दिनों से तेज बारिश ने बाढ़ की आशंका को गहरा कर दिया है। लॉकडाउन के चलते पूर्व बचाव की तैयारियां मुकम्मल नहीं हैं। उत्‍तर बिहार में बढ़ने लगी हैं नदियां।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2020 08:25 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2020 09:30 PM (IST)
Bihar Flood News Update: बिहार में कोरोना के चलते तैयारियों में कसर से बाढ़ का खतरा, उत्‍तर बिहार में बढ़ने लगीं नदियां
Bihar Flood News Update: बिहार में कोरोना के चलते तैयारियों में कसर से बाढ़ का खतरा, उत्‍तर बिहार में बढ़ने लगीं नदियां

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार के कई जिलों में दो दिनों से तेज बारिश ने बाढ़ की आशंका को गहरा कर दिया है। लॉकडाउन के चलते पूर्व बचाव की तैयारियां मुकम्मल नहीं हैं। हालांकि जल संसाधन की अधिकतर योजनाओं को युद्धस्तर पर रात-दिन काम करके पूरा कर लिया गया है, लेकिन मौसम में बदलाव एवं अन्य स्थानीय कारणों से बाढ़ के खतरे को खारिज नहीं किया जा सकता है। ऐसे में राज्य सरकार का जोर तात्कालिक प्रबंधन पर भी है। इस बार बाढ़ से बचाव के लिए 389 योजनाओं का चयन किया गया था। लॉकडाउन एवं कोरोना के चलते काम शुरू होने में देर हुई। प्रत्येक साल 15 मई के पहले ही बाढ़ प्रबंधन के सारे काम कर लिए जाते थे। इस बार ये एक महीना विलंब से हुए। जल संसाधन मंत्री संजय झा की तत्परता से किसी तरह काम पूरा कर लिया गया है। वहीं, भारी बारिश को देख नदी के किनारे बसे गांवों के लोग सहम गए हैं।  इतना ही नहीं, उत्‍तर बिहार में नदियां भी बढ़ने लगी हैं। 

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नदियों का बढ़ने लगा जलस्‍तर

उत्तर बिहार की नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के चलते राज्य में बाढ़ का खतरा गहरा गया है। प्रमुख नदियों का पानी बढऩे लगा है। नेपाल के पहाड़ों में बारिश के चलते जल संसाधन विभाग ने सभी इंजीनियरों को सतर्क कर दिया है। कोसी और महानंदा का जलस्तर बढ़ रहा है। इससे उत्तर बिहार के कई जिलों में खतरा है। जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। हालांकि अभी भी सभी जगह लाल निशान से नीचे है। बक्सर में गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। हालांकि, अभी गंगा खतरे से निशान 59.30 से काफी नीचे है। पटना में इसके जलस्तर में गांघी घाट और दीघा दोनों जगहों पर क्रमश 13 और 22 सेमी की वृद्धि हुई है। पुनपुन में भी वृद्धि होने लगी है। पूॢणया में महानंदा लाल निशान से 44 सेमी ऊपर है। गंडक नदी डुमरी घाट में लाल निशान से पांच सेमी ऊपर है। अधवारा समूह की नदियों के जलस्तर में भी कई जगह पर वृद्धि हुई है। खतरनाक बनी हुई बागमती का तेवर थोड़ा ढीला हुआ है, लेकिन अभी भी ढेंग में यह नदी लाल निशान के ऊपर है। पूर्णिया में महानंदा भी लाल निशान को पार कर गई है। कोसी-गंडक का पानी भी चढऩे लगा है। शुक्रवार को पूरे राज्य में 50 मिमी से अधिक बारिश हुई है। गया में 112 मिमी, भागलपुर में 58, दरभंगा में 127, झंझारपुर में 75 मिमी बारिश हुई है। 

पटना के आसपास मुकम्मल तैयारी

पटना के आसपास बाढ़ सुरक्षा की तैयारी पूरी है। बक्सर में कोईलवर-गंगा एवं कोईलवर-सोन नदी तटबंधों के अलावा आरा शहरी सुरक्षा तटबंध का जीर्णोद्धार हो चुका है। गंगा-सोन में कटाव निरोधी काम पूरा कर लिया गया है। आरा में 50 हजार ईसी बैग तैयार है। छपरा में तटबंधों पर चौकसी बढ़ा दी गई है। सिवान जिले में सरयू नदी के तटबंध दुरुस्त हैं। सिसवन में तटबंधों की सुरक्षा के लिए 82 होमगार्ड के जवान तैनात हैं। गंगा और गंडक से घिरे वैशाली जिले में नावों की व्यवस्था कर ली गई है। बेगूसराय में नावों की मरम्मत का काम अंतिम चरण में है। गोपालगंज जिले में 75 राहत शिविर बनाए गए हैं। 

तटबंधों पर होमगार्डों की तैनाती 

बांधों पर निगरानी के लिए होमगार्डों के अलावा जल संसाधन के अभियंताओं की तैनाती की गई है। दरभंगा में जमींदारी बांध को दुरुस्त किया जा रहा है। कुशेश्वरस्थान, घनश्यामपुर, रसियारी, तारडीह, कमतौल, हायाघाट में तटबंधों पर होमगार्डों की तैनाती की गई है। पश्चिम चंपारण में भिखनाठोरी में गाइड बांध बनाया जा रहा है। योगापट्टी, बैरिया, नौतन, गौनाहा में तटबंधों की निगरानी बढ़ाई गई है। बगहा में पक्के बांध बन गए हैं। भारत-नेपाल की सीमा पर स्थित गंडक बराज के तीन फाटक मुड़ गए हैं। जिन्हें बदला जाना है। कल्याणपुर, मोहनपुर, मोहिउद्दीन नगर, विद्यापतिनगर, बिठान और शिवाजी नगर प्रखंड में तटबंधों और बंडाल का निर्माण हुआ है। संवेदनशील स्थानों पर बालू भरी बोरियों का भंडारण किया गया है।

बागमती पर 13 साल से अधूरा है काम 

मुजफ्फरपुर के औराई और कटरा में बागमती का तटबंध 13 साल से अधूरा है। बूढ़़ी गंडक के कोल्हुआ में पांच साल बाद भी तटबंध की मरम्मत नहीं हो सकी है। सीतामढ़ी जिले में बागमती नदी के ढेंग, सोनाखान, डुबाघाट, चंदौली व कटौझा में तटबंध की मरम्मत पूरी नहीं हो पाई है। नेपाल से निकलने वाली झीम नदी के तटबंध का भी यही हाल है। मधुबनी में पिछले वर्ष टूटे कमला तटबंध का निर्माण चल रहा है। जयनगर में धौस नदी पर टूट स्थलों में मरम्मत नहीं हो पाई है। कमला बलान के नरूआर, गोपलखा व भदुआर में मरम्मत हो चुकी है। 


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