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बिहार में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हुआ और आसान, टेस्‍ट के नियमों में बदलाव से मिलेगी बड़ी राहत

Bihar Driving License Process बिहार में स्थायी लाइसेंस (Permanent Driving License) के आवेदकों के लिए अब ड्राइविंग टेस्ट पास करना आसान होगा। परिवहन विभाग (Bihar Transport Department) ने टेस्ट के नियमों को थोड़ा सरल कर दिया है। यहां आप विस्‍तृत जानकारी हासिल कर सकेंगे।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Wed, 27 Oct 2021 10:42 AM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 11:19 AM (IST)
बिहार में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हुआ और आसान, टेस्‍ट के नियमों में बदलाव से मिलेगी बड़ी राहत
बिहार में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना अब हुआ और आसान। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, चंद्रशेखर। Driving License Test Process: बिहार में स्थायी लाइसेंस (Permanent Driving License) के आवेदकों के लिए अब ड्राइविंग टेस्ट पास करना आसान होगा। परिवहन विभाग (Bihar Transport Department) ने टेस्ट के नियमों को थोड़ा सरल कर दिया है। पूर्व में ये खासे सख्त थे। टेस्ट पास करने के लिए आवेदकों को वाहन चलाते हुए दो बार अंग्रेजी का आठ (8) बनाना होता है। इस दौरान जमीन पर पांव रखने पर उन्हें फेल कर दिया जाता था। अब आवेदक परीक्षा के दौरान दो बार जमीन पर पांव रख सकेंगे। दो बार पैर रखने पर उन्हें फेल नहीं किया जाएगा।

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टेस्टिंग ट्रैक से जुड़े कंप्‍यूटर्स में किया गया बदलाव

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, परिवहन मुख्यालय की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। यह नियम सोमवार से लागू हो गया है। अधिकारियों की मानें तो टेस्‍टि‍ंग ट्रैक से संबंधित सारे कंप्यूटर्स में इस आदेश के तहत संशोधन कर दिया गया है। पहले टेस्ट पास करने वालों की संख्या 45 से 50 फीसद ही होती थी। नए आदेश के बाद 80 फीसद तक आवेदकों के पास होने की उम्मीद है।

हर जिले में बनेगा कंप्‍यूटर से निगरानी वाला ट्रैक

पटना के जिला परिवहन अधिकारी श्री प्रकाश ने बताया कि परिवहन मुख्यालय ने टेस्टिंग ट्रैक पर टेस्ट देने वालों को थोड़ी राहत देने का निर्णय लिया गया है। पहले जहां टेस्ट देते समय जमीन पर पैर रखने पर असफल कर दिया जाता था। अब टेस्ट देते समय गलती से जमीन पर दो बार पैर रखने पर भी उन्हें फेल नहीं किया जाएगा। आपको बता दें कि पटना में ड्राइविंग टेस्‍ट के लिए कंप्‍यूटराइज्‍ड टेस्टिंग ट्रैक तैयार कर लिया गया है। इसमें किसी प्रकार की पैरवी काम नहीं करती है और सब कुछ स्‍वत: कंप्‍यूटर में रिकार्ड होते जाता है। बिहार के बाकी जिलों में भी जल्‍द ही ऐसे ट्रैक बनवाने की योजना है। इसमें अधिकारी की मनमानी भी नहीं चलती है।


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