Dr. Rajendra Prasad Birth Anniversary: तब राष्ट्रपति ने छिपा लिया था भाई का दर्द, घटना बताएगी कैसे थे राजेंद्र
Dr. Rajendra Prasad Birth Anniversary देश के पहले राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद की आज जन्म तिथि है। इस अवसर पर आइए जानते हैं उनसे जुड़ा एक किस्सा जब बतौर भाई अपने दर्द को काबू में रख कर उन्होंने अतौ राष्ट्रपति देख के प्रति कर्तव्य को प्राथमिकता दी थी।
पटना, आनलाइन डेस्क। Dr. Rajendra Prasad Birth Anniversary: देश के पहले राष्ट्रपति देशरत्न डा. राजेंद्र प्रसाद (Dr. Rajendra Prasad) की आज जन्म तिथि है। उनकी कर्तव्यपरायणता के कई किस्से हैं। कर्तव्य के लिए परिवार तक को भुला देने का उनका एक किस्सा तो लौहपुरुष सरदार पटेल (Sardar Patel) की याद दिला देता है। पेशे से वकील रहे सरदार पटेल को एक बार कोर्ट में अपने मुवक्किल के लिए बहस करने के दौरान पत्नी के निधन का टेलीग्राम मिला। उसे पढ़कर उन्होंने पहले बहस पूरी की, फिर घर का रूख किया। डा. राजेंद्र प्रसाद का साल 1960 के गणतंत्र दिवस का ऐसा ही एक किस्सा है। गणतंत्र दिवस (Republic Day) के ठीक एक दिन पहले उनकी बड़ी बहन का निधन हो गया था। तब वे बहन के शव को छोड़कर गणतंत्र दिवस परेड (Republic Day parade) में शामिल हुए थे।
राष्ट्रपति के रूप में छिपाया बहन की मौत का गम
राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद की बड़ी बहन भगवती देवी (Bhagawati Devi) का निधन 25 जनवरी 1960 की देर शाम में हो गया था। बहन के निधन का उन्हें गहरा सदमा लगा। वे पूरी रात शव के पास ही बैठे रहे। रात के अंतिम चरण में परिवार के लोगों ने उन्हें अगली सुबह बतौर राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने की याद दिलाई। इसके बाद आंसू पोंछ कर वे तैयार हुए और सुबह में गणतंत्र दिवस समारोह में परेड की सलामी लेने पहुंचे। समारोह के दौरान वे पूरे संयम में रहे। देश ने तब राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद को देखा, भाई राजेंद्र प्रसाद ने अपना गम छिपा लिया।
गणतंत्र दिवस के समारोह के बाद फूट-फूट कर रोए
गणतंत्र दिवस के समारोह में शिरकत करने के बाद राजेंद्र प्रसाद फिर बहन के शव के पास पहुंचे। अब उनके सब्र का बांध टूट पड़ा। इसके बाद दिल्ली के यमुना जट पर अंत्येष्टि तक वे कई बार रोते दिखे। उन्होंने बहन का अंतिम संस्कार किया।
View attached media content - Dr.Narottam Mishra (@drnarottammisra) 3 Dec 2021
View attached media content - Shivraj Singh Chouhan (@chouhanshivraj) 3 Dec 2021