कुत्ते दिलाएंगे शराब से मुक्ति, आठ महीने की ट्रेनिंग देकर लाए जा रहे हैं पटना
बिहार में शराब तस्करों और शराबियों की खैर नहीं। बीस लाख रुपये खर्च करके शराब सूंघने वाले कुत्तों को राजधानी में लाया जा रहा है।
पटना, जेएनएन। अगर आप भी प्रतिबंधित शराब से जुड़ी गतिविधियों में हैं तो एलर्ट हो जाएं। अब बिहार में शराब तस्करों और शराबियों की खैर नहीं। उन्हें पकडऩे के लिए सरकार ने बाहर से वैसे कुत्ते मंगाए हैं, जो शराब की गंध सूंघने में माहिर मानें जाते हैं। माही, मैडी, हनी, रॉकी, जेबी, टोनी, फैंसी, जूली और हंटर जैसे खोजी कुत्ते सूंघकर शराबियों का पता लगाएंगे। इनके अलावा लिजा, लाली, ऑक्टो, रोजी, बॉबी, मेसी, यामी, लिओ, लक्की और बिट्टू नाम के कुत्ते को भी इस काम में लगाया जाएगा।
बीस फरवरी को पटना लाए जाएंगे सभी
तेलंगाना के मोएनाबाद में शराब खोजने की आठ महीने की ट्रेनिंग पूरी कर सभी कुत्ते 20 तारीख को पटना पहुंचेंगे। शुक्रवार को मोएनाबाद में हुए पासिंग आउट परेड में सभी कुत्ते और इसके ट्रेनर सफल साबित हुए। इसके बाद सभी ट्रेंड कुत्तों को सीआइडी पुलिस अधीक्षक तौहिद परवेज व डीएसपी देवनारायण महतो की उपस्थिति में इन्हें सीआइडी के हवाले कर दिया गया। पटना से परेड में भाग लेने के लिए दोनों अधिकारी मोएनाबाद गए थे। इन कुत्तों को ट्रक से पटना लाया जा रहा है।
बिहार के बार्डर पर तैनात किए जाएंगे कुत्ते
यहां पहुंचने के बाद इसमें से आठ को शास्त्रीनगर थाने के पीछे बने केनल में रखा जाएगा। बाकि को छपरा, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्णिया, भागलपुर, मुंगेर, गया, रोहतास सहित बिहार के बॉर्डर इलाके में तैनात किया जाएगा। ये कुत्ते जमीन हो या गाड़ी कहीं भी किसी भी जगह पर छुपाकर रखी गई महुआ, देसी और अंग्रेजी शराब को खोज निकालने में ट्रेंड हैं। इसकी जांच के लिए पटना से 20 लीटर देसी और महुआ शराब वहां भेजी गई थी। इनके साथ 20 हैंडलर और 10 सहायकों को वहां ट्रेनिंग दी गई है।
ट्रेनिंग में हुए हैं 35 लाख रुपये खर्च
इन कुत्तों की खरीदारी से लेकर ट्रेनिंग पर 35 लाख रुपये खर्च आया है। गौरतलब है कि बिहार में बॉर्डर के रास्ते शराब की सप्लाई की जा रही है। साथ ही शराब माफिया शराब को जमीन के अंदर दबा कर रख दे रहे हैं, जिसे पुलिस नहीं ढूंढ पा रही है। परंतु उनकी इस चाल को ये कुत्ते नाकाम कर देंगे। वे सूंघकर शराब को खोज निकालेंगे।