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Patna News: जलती धूप और तपती धरती से खतरनाक हुए कुत्ते, एक महीने में 3500 लोगों को बनाया शिकार

Patna News न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल के निदेशक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि तेज धूप और गर्मी किसी भी जानवर को चिड़चिड़ा व आक्रामक बना देती है। जब लोग उन्हें परेशान करते हैं तो पहले से चिड़चिड़ाए कुत्ते उन पर हमला बोल देते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerPublished: Sat, 10 Jun 2023 06:53 AM (IST)Updated: Sat, 10 Jun 2023 06:53 AM (IST)
Patna News: जलती धूप और तपती धरती से खतरनाक हुए कुत्ते, एक महीने में 3500 लोगों को बनाया शिकार
जलती धूप, तपती धरती से खतरनाक हुए कुत्ते।

जागरण संवाददाता, पटना: आसमान से बरसती आग, तपती धरती और ऐसे में न तो पेड़ों की छाया, न ही प्यास बुझाने को पानी। इन हालातों ने इंसान के सबसे अच्छे दोस्त माने जाने वाले कुत्तों को खतरनाक बना दिया है। मई-जून के गत 30 दिनों में करीब 3,500 लोगों ने विभिन्न अस्पतालों में एंटी रैबीज वैक्सीन ली है।

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यहां वैक्सीन की सबसे ज्यादा खपत

आयकर गोलंबर स्थित न्यू गार्डिनर रोड में कुत्ते काटने के बाद ली जाने वाली वैक्सीन की सबसे अधिक खपत है। यहां 24 घंटे में करीब 60 और महीने में औसतन दो हजार एआरवी वैक्सीन दी जाती हैं। इसके बाद फुलवारीशरीफ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का नंबर आता है। मई से जून माह के 30 दिनों में यहां 1,600 लोगों को एआरवी लगाई गई।

मनेर पीएचसी में हर माह करीब 1230, दानापुर अनुमंडलीय अस्पताल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में करीब 700, धनरुआ में 400 वाइल की खपत हुई। गंभीर जख्म होने पर पांच और हल्के में प्रति व्यक्ति को तीन डोज एआरवी की दी जाती हैं।

एआरवी की खपत के आकलन के अनुसार गत 30 दिन में 3500 से अधिक लोग कुत्तो के गुस्से के शिकार हो चुके हैं। जिले में सिर्फ सिविल सर्जन के अधीन आने वाले अस्पतालों में 24 लाख 23 हजार 496 रुपये की एआरवी खर्च होती है। पीएमसीएच, न्यू गार्डिनर, एलएनजेपी, आइजीआइएमएस, एम्स, एनएमसीएच व गुरु गोविंद सिंह अस्पताल का खर्च इसमें शामिल नहीं है।

जीभ बाहर निकाले कुत्ते से बचकर रहें

न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल के निदेशक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि तेज धूप और गर्मी किसी भी जानवर को चिड़चिड़ा व आक्रामक बना देती है। गलियों में घूमने वाले कुत्तों को आजकल शहर से लेकर गांवों तक में गर्मी से बचने के लिए न तो छांव मिल पाती है और न ही पानी।

ऐसे में जीभ से निकलने वाली लार जो शरीर को ठंडा करने का एकमात्र तरीका उनके पास बचता है, वह भी गर्मी के कारण तुरंत सूख जा रही है। तेज गर्मी के कारण दोपहर के समय अधिकतर दुकानें बंद होने से उन्हें न तो खाने को मिलता है और न पीने के लिए पानी।

ऐसे में जब लोग उन्हें परेशान करते हैं या तेज आवाज वाली बाइक से निकलते हैं तो पहले से चिड़चिड़ाए कुत्ते उन पर हमला बोल देते हैं। कुत्तों के हमले से अक्सर बच्चों, बुजुर्गों व महिलाओं को ही गंभीर जख्म होते हैं।


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