Move to Jagran APP

डॉक्टरों की हड़ताल से एनएमसीएच में दो दर्जन ऑपेरशन टले

बेहद आश्चर्यजनक है कि बिहार का दूसरा बड़ा नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल पीजी कर रहे विद्यार्थी यानी जूनियर डॉक्टरों का मोहताज बना है। डेंगू पीड़ित एक बच्चा मरीज की मृत्यु के बाद लोगों द्वारा डॉक्टरों के साथ की गयी मारपीट से आक्रोशित जूनियर डॉक्टर सोमवार को तीसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। इनके हड़ताल पर चले जाने से अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई। एक तरह से ठप ही हो गयी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 01:11 AM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 06:16 AM (IST)
डॉक्टरों की हड़ताल से एनएमसीएच में दो दर्जन ऑपेरशन टले
डॉक्टरों की हड़ताल से एनएमसीएच में दो दर्जन ऑपेरशन टले

पटना सिटी। बेहद आश्चर्यजनक है कि बिहार का दूसरा बड़ा नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पीजी कर रहे विद्यार्थी यानी जूनियर डॉक्टरों का मोहताज बना है। डेंगू पीड़ित एक बच्चे की मौत के बाद लोगों द्वारा डॉक्टरों के साथ की गयी मारपीट से आक्रोशित जूनियर डॉक्टर सोमवार को तीसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। इनके हड़ताल पर चले जाने से अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई।

prime article banner

यहां दो सौ से अधिक डॉक्टरों के कार्यरत रहने के बावजूद पीजी छात्रों की हड़ताल पूरी तरह से सफल रही। हड़ताली पीजी छात्रों से भयभीत कार्यरत डॉक्टरों ने खुद को कार्य से अलग रखा। दूर-दराज से आए मरीजों का इलाज नहीं हुआ। हड़ताली डॉक्टरों ने इमरजेंसी को बंद कर दिया। मरीज की जान बचाने की गुहार परिजन लगाते रहे। इमरजेंसी स्थित डॉक्टरों का कक्ष पूरे दिन खाली रहा। इमरजेंसी रजिस्ट्रार का कमरा भी खाली था। ओपीडी की सेवा ठप रही। करीब दो दर्जन ऑपरेशन नहीं हुए। हालांकि ओटी इंचाज डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि गायनी में एक, आर्थो में तीन ऑपरेशन हुआ है। अन्य कोई ऑपरेशन नहीं हुआ।

शिशु रोग विभाग की इमरजेंसी का सभी बेड खाली था। गरीब मरीज और बेबस परिजन परेशान होते रहे। इन सब के बीच दर्जनभर ऐसे भी डॉक्टर मिले जो इमरजेंसी और अलग-अलग विभाग के वार्ड में भर्ती अपनी यूनिट के मरीज को देख रहे थे।

हद तब पार हो गई जब अस्पताल की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा गार्ड इमरजेंसी आने वाले मरीजों और परिजनों को भगाते रहे। टेंपो व दूसरे वाहनों पर मरीज लेकर आने वालों को सुरक्षा गार्ड ने अपनी हनक दिखाते हुए दूर से ही चिल्ला कर कहा कि भागो, मरीज ले जाओ, यहां हड़ताल है। सेंट्रल रजिस्ट्रेशन काउंटर पर मरीजों की भीड़ उमड़ी। सोमवार को ढाई हजार से अधिक मरीजों का रजिस्ट्रेशन होने के बदल केवल 819 मरीजों का रजिस्ट्रेशन हुआ। यह मरीज जब ओपीडी पहुंचे तो इनमें से करीब दो सौ मरीजों को डॉक्टरों ने देखा। इसी बीच जूनियर डॉक्टरों के दल ने आकर ओपीडी बंद करा दिया। मौजूद सीनियर डॉक्टर अपनी इज्जत बचाते हुए चेंबर से निकल गए। मरीज व परिजन घंटों इंतजार कर रहे। दोपहर से शाम और रात तक अस्पताल में फिर डॉक्टर नजर नहीं आए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.