तीन घंटे पर डॉक्टर, डेढ़ घंटे में विजिट करेंगी नर्से
कोरोना वार्ड के हर बेड के लिए अब डॉक्टरों का रोस्टर चार्ट तैयार किया जाएगा
पटना। कोरोना वार्ड के हर बेड के लिए अब डॉक्टरों का रोस्टर चार्ट तैयार किया जाएगा। डॉक्टर अधिकतम तीन घंटे के अंतराल पर एक बार निर्धारित रोस्टर के अनुसार बेड पर विजिट कर मरीजों की जांच करेंगे। नर्सो को डेढ़ घंटे में एक बार वार्ड का विजिट अनिवार्य रूप से करना होगा। आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने यह निर्देश जारी करते हुए सख्ती से अनुपालन कराने की जिम्मेदारी वरीय नोडल पदाधिकारियों को सौंपी है। पीएमसीएच, एनएमसीएच और वर्द्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान पावापुरी के प्राचार्य और अधीक्षक के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से समीक्षात्मक बैठक के दौरान आयुक्त ने यह निर्देश दिया है। इन अस्पतालों में मौजूद संसाधनों का अधिकतम प्रयोग कर स्वास्थ्य सेवा एवं मरीजों के इलाज में गुणात्मक सुधार लाने के लिए कहा गया है। वरीय नोडल पदाधिकारी को कर्तव्य से अनुपस्थित डॉक्टर के बारे में रिपोर्ट भेजने का निर्देश भी दिया गया है। एएनएम और जीएनएम नर्स के कार्यो की मॉनीटरिग के लिए भी निर्देशित किया गया। आयुक्त ने मेडिकल कॉलेजों में पर्याप्त मात्रा में दवा रखने और मरीजों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
पावापुरी मेडिकल कॉलेज में दो डॉक्टरों को मिलेगा उपाधीक्षक का जिम्मा : आयुक्त ने बताया कि पावापुरी मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन कार्य के दायित्व का निर्वहन करने के लिए दो डॉक्टरों को उपाधीक्षक का कार्य आवंटित किया जाएगा। अस्पताल प्रबंधक के रिक्त पद को भरने के लिए भी नियमानुसार कार्रवाई अतिशीघ्र प्रारंभ की जाएगी। इस अस्पताल में 100 बेड, 14 आइसीयू बेड और 17 वेंटिलेटर हैं। अस्पताल से अब तक 108 मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। आयुक्त ने सिविल सर्जन नालंदा को अस्पताल में शववाहन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। अस्पताल में भर्ती मरीजों से भी फीडबैक लेगा कंट्रोल रूम : आयुक्त ने कहा कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती रोगियों से भी प्रत्येक दिन कंट्रोल रूम द्वारा फोन पर बात की जाएगी और फीडबैक लिया जाएगा। अस्पताल में इलाज को लेकर विभागाध्यक्ष द्वारा लगातार समीक्षा की जाएगी। रात्रि पाली में डॉक्टर की उपलब्धता सुनिश्चित रहे, इसके लिए अधीक्षक और प्राचार्य औचक निरीक्षण भी करेंगे। नर्सिंग छात्राओं को ट्रेनिग की व्यवस्था : बताया गया कि इस्लामपुर नर्सिंग स्कूल की फाइनल ईयर की छात्राओं को ट्रेनिग के लिए मेडिकल कॉलेज से जोड़ा जाएगा।