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बिहार पुलिस की मनमानी पर भड़के AIIMS के डॉक्टर ...जानिए क्या है मामला?

बिहार पुलिस ने एम्स पटना के पूर्व निदेशक डॉ. जीके सिंह को उस मामले में गिरफ्तार किया, जिसमें उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगी थी। एम्स के डॉक्टरों व छात्रों ने इसे गुंडई करार दिया।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 15 Nov 2016 10:08 PM (IST)Updated: Wed, 16 Nov 2016 11:04 PM (IST)
बिहार पुलिस की मनमानी पर भड़के AIIMS के डॉक्टर ...जानिए क्या है मामला?

पटना [जेएनएन]। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पूर्व निदेशक डॉ. जीके सिंह को पुलिस ने वर्दी में हथियार की नोक पर 'किडनैप' किया और दो घंटे तक चलती गाड़ी में प्रताडि़त करती रही। राज्य सरकार की ओर से उन्हें लोक सेवा आयोग द्वारा एक मेडिकल संस्थान के निदेशक के साक्षात्कार के लिए विशेषज्ञ के रूप में बुलाया गया था।

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बिहार पुलिस ने बिना किसी वारंट के उन्हें जबरन एम्स आवासीय परिसर की अतिथिशाला से उठा लिया। उन्हें जिस आपराधिक मामले में पकड़कर प्रताडि़त किया गया, उसमें उनकी गिरफ्तारी पर कोर्ट ने रोक लगा रखी है। अब एम्स के डॉक्टरों व छात्रों ने मुख्यमंत्री, राज्यपाल, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और मानवाधिकार आयोग से दोषी पुलिस पदाधिकारियों को तीन दिनों में सजा देने की मांग की है। कार्रवाई नहीं होने पर वे आंदोलन करेंगे।

बेवजह गिरफ्तार कर किया प्रताडि़त

बताया जाता है कि डॉ. सिंह को गिरफ्तार कर पुलिस वाले उन्हें बेवजह सड़कों पर घुमाते रहे। इस दौरान वे पुलिस के किसी बड़े अधिकारी से संपर्क में रहे, जिसकी तरफ से उन्हें 'कोठी' पर लाने का आदेश दिया जा रहा था।एम्स के डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने डॉ. सिंह को मोबाइल, दवा और पानी तक साथ नहीं ले जाने दिया था। इसी बीच मामला मीडिया में उजागर हो गया और पुलिस की मंशा पर पानी फिर गया। तब तक कोर्ट बंद हो जाने के कारण उन्हें न्यायिक दंडाधिकारी के आवास पर पेश किया गया।

एक घटना से जोड़ा जा रहा इस घटना का तार

एम्स के डॉक्टरों ने कहा कि एक डॉक्टर ने डॉ. सिंह पर गाली देन व दुर्व्यवहार की एफआइआर एससी-एसटी थाने में की है। इस मामले में कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें किसके आदेश पर गिरफ्तार किया, यह जांच का विषय है। एम्स के कुछ लोगाें ने बताया कि डॉ. सिंह के एम्स निदेशक रहते वक्त संस्थान के एक तत्कालीन बड़े अधिकारी पर गंभीर आरोप लगे थे। लोग इस घटना के तार उस घटना से भी जाेड़कर देख रहे हैं। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।

किसी बड़े पुलिस अधिकारी का हाथ तो नहीं

कुछ डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर इस हाई-प्राेफाइल गिरफ्तारी की हिम्मत बिना बड़े अधिकारी के आदेश के पुलिस नहीं कर सकती। इस मामले की पड़ताल इस एंगिल से भी की जानी चाहिए। इसकी पड़ताल इसलिए भी जरूरी है कि डॉ. सिंह को लेकर घूम रहे पुलिसकर्मियों को बार-बार 'कोठी' पर लाने का निर्देश दिया जा रहा था।

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डॉक्टरों ने पुलिस को कहा 'किडनैपर'

डॉ. सिंह की इस गैरकानूनी हिरासत को एम्स के डॉक्टरों ने वर्दी की गुंडई करार दिया। इस गिरफ्तारी के विरोध में मंगलवार को एम्स परिसर में डॉक्टरों ने 'किडनैपिंग इन यूनिफॉर्म' और 'वांट जस्टिस' की तख्ती लेकर मार्च निकाला।

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डॉक्टरों ने कहा कि वे काला बिल्ला लगाकर मरीजों का इलाज, ऑपरेशन और मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री, राज्यपाल, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और मानवाधिकार आयोग से दोषी पुलिस पदाधिकारियों को तीन दिनों में सजा देने की मांग की। कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी गई।


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