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शोध में मौलिकता लाने में जरूर दें योगदान

गुणवत्ता बढ़ाने के लिए नई रिसर्च की जरूरत है। उन्होंने छात्रों को समाज व संस्कृति के प्रति जिम्मेवारी समझाते हुए कहा कि एक साथ अधिक चीजों पर कार्य नहीं करें। लक्ष्य को निर्धारित करते हुए कार्य करें इससे दिमाग बटने से समस्या बढ़ती है। कुलपति प्रो. आरके सिंह ने कहा कि सरकार के पास सीमित संसाधन है इसे ध्यान में रखते हुए अपनी ड्यूटी करना चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 May 2022 01:57 AM (IST)Updated: Sun, 29 May 2022 01:57 AM (IST)
शोध में मौलिकता लाने में जरूर दें योगदान
शोध में मौलिकता लाने में जरूर दें योगदान

पटना। वर्तमान समय में कालेज व विश्वविद्यालयों की पुस्तकालयों की स्थिति बेहतर नहीं है। इन्हें बेहतर करने के साथ-साथ शोध को लेकर हिदी पत्रकारिता, आदिवासी साहित्य, दलित साहित्य, स्त्री साहित्य आदि को बढ़ावा देने की जरूरत है। ये बातें दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के हिदी विभागाध्यक्ष प्रो. श्योराज सिंह बेचैन ने कहीं। वह श्रीअरविद महिला कालेज की ओर से उच्च शिक्षा और शोध विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक ही तरह के साहित्य पर लगातार चर्चा करते रहने से विविधता नहीं आएगी। गुणवत्ता बढ़ाने के लिए नई रिसर्च की जरूरत है। उन्होंने छात्रों को समाज व संस्कृति के प्रति जिम्मेवारी समझाते हुए कहा कि एक साथ अधिक चीजों पर कार्य नहीं करें। लक्ष्य को निर्धारित करते हुए कार्य करें, इससे दिमाग बटने से समस्या बढ़ती है। कुलपति प्रो. आरके सिंह ने कहा कि सरकार के पास सीमित संसाधन है, इसे ध्यान में रखते हुए अपनी ड्यूटी करना चाहिए। बीएन मंडल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. अमरनाथ सिन्हा ने शिक्षा को केवल राजनीतिक प्रयोग की भूमि बताया। विषय प्रवेश आइक्यूएसी के संयोजक प्रो. शिवनारायण ने कराया। इस दौरान कालेज के न्यूज बुलेटिन का भी लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम में प्रो. साधना ठाकुर, डा. राजीव शंकर सिन्हा, लोकगायिका डा. नीतू नवगीत, डा. प्रेम कुमारी, डा. अजय कुमार सिंह भी थे।

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पीपीयू के एनएसएस स्वयंसेवक नीरज को मिला राष्ट्रपति पुरस्कार

जागरण संवाददाता, पटना : राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के माध्यम से बीते तीन वर्षों में पौधारोपण, रक्तदान, स्वच्छता अभियान, फिट इंडिया, स्लम एरिया के बच्चों के पठन-पाठन, कोविड जैसी महामारी के समय डिजिटल माध्यम से लोगों में जागरूकता फैलाना, मास्क वितरण, बाढ़ग्रस्त इलाके में राहत सामग्री वितरण आदि कार्यों को लेकर पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के स्वयंसेवक नीरज कुमार को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। कोरोना काल के दौरान ही वर्चुअल माध्यम से नीरज को यह सम्मान दिया गया था। शुक्रवार को युवा एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के सचिव संजय कुमार ने नीरज को प्रमाण पत्र, एक लाख रुपये का चेक और ब्लेजर देकर सम्मानित किया। नीरज को पुरस्कार मिलने के बाद पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरके सिंह ने नीरज कुमार, विश्वविद्यालय के संयोजक डा. एसके दुबे सहित पूरी टीम का स्वागत किया। नीरज कालेज आफ कामर्स, आर्टस एंड साइंस के पीजी अर्थशास्त्र में अध्ययनरत है। कुलपति ने कहा कि नीरज की उपलब्धियों के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार मिलना निश्चय ही विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने एनएसएस के सारे पदाधिकारियों एवं वालंटियर्स को अपनी शुभकामनाएं दी हैं।


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