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Video: नगर निगम-बिहार सरकार का झगड़ा बना रगड़ा, मंत्रीजी के घर के आगे फेंका मरा हुआ कुत्‍ता

Patna Municipality Strike Liveबिहार सरकार-नगर निगम कर्मचारियों के बीच जारी जंग में पटना शहर गंदगी में तब्दील हो चुका है। हड़ताली कर्मियों ने मंत्रियों के घर के बाहर कूडा फेंक दिया

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 06 Feb 2020 10:19 AM (IST)Updated: Thu, 06 Feb 2020 11:53 PM (IST)
Video: नगर निगम-बिहार सरकार का झगड़ा बना रगड़ा, मंत्रीजी के घर के आगे फेंका मरा हुआ कुत्‍ता
Video: नगर निगम-बिहार सरकार का झगड़ा बना रगड़ा, मंत्रीजी के घर के आगे फेंका मरा हुआ कुत्‍ता

जागरण टीम, पटना। Patna Municipality Strike Live: बिहार की राजधानी पटना के लोग पिछले तीन दिनों से कचरे की पीड़ा को झेल रहे हैं और पूरा शहर कचरे में तब्दील हो चुका है। वजह ये है कि पिछले तीन दिनों से नगर निगम कर्मचारियों ने हड़ताल कर रखा है। इसे लेकर एक तरफ जहां बिहार सरकार अपनी जिद पर अड़ी है तो वहीं हड़ताली कर्मचारी भी अपनी जिद को पकड़े हुए हैं। हालात ये हैं कि इस झगड़े का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। यहां तक कि मंत्री के घर के सामने मरा हुआ कुत्‍ता फेंक दिया है। 

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नगर विकास मंत्री के घर के बाहर फेंका मृत पशु

बता दें कि राज्य के नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा का दावा है कि सभी हड़ताली कर्मचारी काम पर जल्द वापस लौटेंगे। इस बीच गुरुवार की सुबह हड़ताली कर्मियों ने नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा के घर के बाहर मरा हुआ कुत्‍ता फेंक दिया है। इसके साथ ही सीएम हाउस की तरफ जाने वाली सड़क के दोनों ओर, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के घर के बाहर कूड़ा फेंक दिया है। अब इस मामले को लेकर दोनों तरफ से तनातनी जारी है। 

कानून-व्यवस्था बिगाड़ने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई-डीएम का आदेश

वहीं, सफाईकर्मियों के हड़ताल को लेकर पटना के सबसे बड़े शॉपिंग कॉम्प्लेक्स मौर्यालोक की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। काफी संख्या में वहां पुलिस बल तैनात किए गए हैं, महिला पुलिसकर्मी भी मौजूद हैं। कहा जा रहा है कि हड़ताल के कारण शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के दुकानदारों को लाखों का नुकसान हुआ है। वहीं, डीएम ने सफाईकर्मियों पर कार्रवाई का निर्देश दिया है और कहा है कि कानून व्यवस्था पर विघ्न डालने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

निगम प्रशासन ने कसा शिकंजा, छह नेताओं के खिलाफ एफआइआर दर्ज

हड़ताली कर्मचारियों और नगर निगम प्रशासन के बीच चल रही जंग में एक नया मोड़ आ गया है। नगर निगम प्रशासन ने कर्मचारियों पर दबाव बनाते हुए हड़ताली कर्मचारियों की अगुआई कर रहे छह नेताओं के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। केस कोतवाली थाने में दर्ज कराया गया है। 

नगर विकास मंत्री के बयान के बाद शुरू हुआ है बवाल

बता दें कि हड़ताल और उसके बाद नगर विकास मंत्री जी के बयान पर ही सारा बखेड़ा शुरू हुआ है। सरकार ने फैसला लिया कि नगर निगम में चतुर्थ वर्गीय पदों पर तैनात दैनिक कर्मचारियों से अब निगम काम नहीं लेगा, इसकी जगह आउटसोर्सिंग के जरिए काम कराया जाएगा। बस क्या था, सरकार के इस फैसले को इन कर्मचारियों ने चुनौती दी और हड़ताल पर चले गए हैं और उनकी अपनी जिद है तो सरकार की अपनी जिद। 

सरकार कचरा हटवा रही, कर्मचारी कचरा बिखेर दे रहे

पिछले तीन दिनों से ये रार इतनी बढ़ गई है कि कुछ भी करके जैसे ही सरकार की तरफ से किसी तरह कचरा हटाया जाता है, ये हड़ताली कर्मचारी सारा कचरा पूरे पटना में बिखेर दे रहे हैं, जिससे आम लोगों का जीना मुहाल बनता जा रहा है। नगर विकास मंत्री ने इस हड़ताल को लेकर कहा कि विभाग इसे गंभीरता से ले रही है और जल्द ही इसपर निष्कर्ष भी निकाला जाएगा। उन्होंने इसके लिए दो महीने का वक्त देने की भी बात कही है।

मेयर सीता साहू ने कहा-कर्मचारियों की नौकरी नहीं जाएगी

वहीं, पटना की मेयर सीता साहू भी इन दैनिक कर्मचारियों के पक्ष में लगातार बैठक कर रही हैं। जिसमें उन्होंने कहा है कि कर्मचारियों की नौकरी नहीं जाने दी जाएगी। हालांकि, उनके इस निर्णय के खिलाफ पूर्व डिप्टी मेयर ने भी बिगुल फूंक दिया है और कहा है कि आउटसोर्सिंग का जो प्रस्ताव पारित किया गया है, इसे जबरन पारित किया गया है।

पूर्व डिप्टी मेयर का कहना है कि ये आउटसोर्सिंग का प्रस्ताव पटना मेयर और उनके चंद लोगों द्वारा ही स्वीकार किया गया है, जबकि इस प्रस्ताव के खिलाफ में 90 फीसदी वार्ड पार्षद हैं। उन्होंने कहा कि हम सब आगे बढ़कर इस बात को नगर आयुक्त के पास रखने का काम करेंगे।

हड़ताली कर्मचारियों का कहना है-आउटसोर्सिंग का धंधा नहीं चलेगा

इन सबके बीच कर्मचारियों का धरना-प्रदर्शन जारी है और कर्मचारियों के द्वारा लगातार नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा के खिलाफ जमकर नारेबाजी हो रही है और उनके खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लग रहे हैं। ऐसे में कर्मचारियों का कहना है कि जब हम 10 हजार के वेतन पर काम करने को तैयार है तो फिर सरकार को बिचौलिए की क्या जरूरत आन पड़ी है, अगर बिचौलिया आया तो वो हमारा हक मारेगा। इसलिए ये सरकार की जो बात है और आउटसोर्सिंग का धंधा है, वो कतई नहीं चलेगा।

देर रात तक चलती रही बैठक

उधर, वैकल्पिक उपाय के रूप में पटना में पुलिस सुरक्षा में शहर की सफाई के लिए 12 टीमें उतारी गई हैं। उधर, पटना नगर निगम बोर्ड ने बुधवार को हंगामे के बीच अपनी बैठक में हड़ताल पर गए सभी दैनिक वेतनभोगी 4300 कर्मियों की सेवा स्थायी करने का फैसला किया। हालांकि, निगम बोर्ड की बैठक में सफाईकर्मियों को नहीं हटाए जाने का प्रस्ताव पारित होने के बाद भी हड़ताल जारी रही। वहीं, हड़ताल खत्म कराने के लिए नगर विकास और आवास विभाग के दफ्तर में भी देर रात बैठक चलती रही। 


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