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बिहार में मुश्किल में महागठबंधन, मांझी के बाद अब कांग्रेस ने भी कही ये बड़ी बात, जानिए

बिहार में महागठबंधन का भविष्य खतरे में है। जीतनराम मांझी के बाद अब कांग्रेस ने भी अपना रूख दिखाना शुरू कर दिया है। पार्टी नेता का कहना है कि इस मामले में आलाकमान फैसला लेंगे।

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 13 Aug 2019 02:20 PM (IST)Updated: Tue, 13 Aug 2019 02:33 PM (IST)
बिहार में मुश्किल में महागठबंधन, मांझी के बाद अब कांग्रेस ने भी कही ये बड़ी बात, जानिए
बिहार में मुश्किल में महागठबंधन, मांझी के बाद अब कांग्रेस ने भी कही ये बड़ी बात, जानिए

पटना, जेएनएन। विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में महागठबंधन के भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। एक तरफ जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुसतानी आवाम मोर्चा ने महागठबंधन छोड़ने का निर्णय ले लिया हौ तो अब उसके बाद कांग्रेस ने भी महागठबंधन से अलग होने के संकेत दे दिए हैं।

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कांग्रेस नेता सह विधानपार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि महागठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए बना था और राजनीति में कोई भी गठबंधन स्थायी नहीं होता। मिश्रा ने कहा कि जरूरी नहीं कि बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी ऐसा ही चलेगा। विधानसभा चुनाव में आवश्यकता पड़ी तो एक विचारधारा रखने वाली पार्टियां मिलकर एक बार फिर से नया आकार दे सकती हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि आज की तारीख़ में हर पार्टी अपने-अपने स्तर से अपनी-अपनी गतिविधियों को चला रही हैं। इसके सध ही उन्होंने ये भी कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में गठबंधन पर फैसला आलाकमान से बात करने के बाद ही लिया जाएगा। 

बता दें कि लोकसभा चुनाव में बिहार में कांग्रेस ने महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ा था और इस चुनाव में महागठबंधन के सभी घटक दलों को करारी हार का सामना करना पड़ा था। महागठबंधन में कांग्रेस-राजद समेत मांझी की पार्टी हम, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा, शरद यादव और मुकेश सहनी की पार्टी भी शामिल थी।

हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा ने 2020 का विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया है।  पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने इस बात का ऐलान करते हुए कहा था कि हमारी पार्टी को बचाने का सवाल है इसलिए ये फैसला लेना पड़ा है। उन्होंने कांशी राम की राह पर राजनीति करने की बात कहते हुए कहा कि महागठबंधन में किसी तरह का समन्वय नहीं बचा है।

 राजद ने मांझी के बयान पर  ने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि जिसे रहना है रहें, जिसे जाना है जाएं। मांझी ने अक्टूबर में इस बात की विधिवत घोषणा करने की बात की और मीडिया कहा कि महागठबंधन में किसी तरह का कोऑर्डिनेशन नहीं बचा है। इस मसले को लेकर पूर्व सीएम राबड़ी देवी से भी बात है, लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया है।

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