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अटल ने ही बनवाया था लालू को CM, आडवाणी की गिरफ्तारी के बाद भी रहे अच्छे संबंध

वैचारिक मतभेदों के बावजूद अटल बिहारी वाजपेयी से लालू प्रसाद यादव के अच्‍छे संबंध रहे। दोनों के रिश्‍ते को जानने के लिए पढ़ें यह खबर।

By Amit AlokEdited By: Published: Fri, 17 Aug 2018 09:12 PM (IST)Updated: Fri, 17 Aug 2018 11:45 PM (IST)
अटल ने ही बनवाया था लालू को CM, आडवाणी की गिरफ्तारी के बाद भी रहे अच्छे संबंध
अटल ने ही बनवाया था लालू को CM, आडवाणी की गिरफ्तारी के बाद भी रहे अच्छे संबंध

पटना [अरविंद शर्मा ]। बिहार में भाजपा के विरोधी दलों के नेताओं के भी वाजपेयी चहेते रहे। 1990 में समस्तीपुर में आडवाणी की गिरफ्तारी के बाद भी अटल-लालू के संबंधों में तल्खी नहीं आई। 1990 में ही अटल की पहल पर भाजपा ने अपने 39 विधायकों का समर्थन देकर बिहार में लालू की सरकार बनवाई थी।

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लालू से रहे बेहतर संबंध

राबड़ी देवी के मुताबिक अटलजी जब प्रधानमंत्री थे, तो दिल्ली में एक बार सर्वदलीय बैठक के बाद उन्हें और लालू प्रसाद को अपने साथ आवास ले जाकर अपनी बेटी और नतिनी से मिलवाया था। राजद प्रमुख लालू प्रसाद भी कभी उनके खिलाफ उस तरह आक्रामक नहीं हुए, जैसे लालकृष्ण आडवाणी एवं भाजपा के अन्य नेताओं पर होते रहे।

पहल दोनों तरफ से हुई थी। लालू पर कई घोटाले के आरोपों के बावजूद दोनों ने अपने संबंधों को बचाए-बनाए रखा। यही कारण है कि लालू-राबड़ी की 15 वर्षों की सरकार (1990 से 2005) के दौरान केंद्र में नेता प्रतिपक्ष और प्रधानमंत्री के रूप में अटल की राजनीति और बिहार से उनके व्यवहार का विपक्ष भी कद्रदान रहा।

आडवाणी की गिरफ्तारी के बाद भी नहीं आई तल्‍खी

1990 में समस्तीपुर में आडवाणी की गिरफ्तारी के बाद भी अटल-लालू के संबंधों में तल्खी नहीं आई। तीन फरवरी 2002 को गांधी मैदान की सभा में वाजपेयी ने बिहार के विशेष राज्य के दर्जे की मांग से प्रधानमंत्री के रूप में सहमति जताई थी। तब राबड़ी देवी मुख्यमंत्री थी। दीघा-सोनपुर पुल के शिलान्यास के लिए अटल पटना आए थे। राबड़ी तब आज की तरह मुखर नहीं थीं। बड़े नेताओं के सामने बोलने से हिचकती थी, किंतु टूटी-फूटी भाषा को भी अटल ने समझकर मांग पर सहमति जताई थी।

लालू की बनवाई थी सरकार

1990 में 324 सदस्यीय बिहार विधानसभा में लालू की पार्टी जनता दल को 122 सीटें ही मिली थी। अटल की पहल पर भाजपा ने अपने 39 विधायकों का समर्थन लालू को देकर सरकार बनवाई थी। इसके बाद ही लालू देश की राजनीति में छाए।

अटल अच्छे नेता, किंतु पार्टी गलत: लालू

हालांकि, बाद में लालू ने तत्कालीन भाजपा के वरिष्ठ नेता इंदर सिंह नामधारी के नेतृत्व में भाजपा के एक तिहाई विधायकों को तोड़कर अपने दल में शामिल करा लिया। फिर भी दोनों ने अपने भाषणों में एक-दूसरे के प्रति कटू या व्यंग्य भाषा का इस्तेमाल नहीं किया। लालू मजाक में अक्सर बोलते थे कि अटल जी अच्छे नेता हैं, किंतु उनकी पार्टी गलत है। लालू-राबड़ी सरकार में ही अटल ने बिहार को बाढ़ थर्मल पावर, गंगा ब्रिज एवं कई सड़क योजनाएं दीं।


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