बिहार में बोले दीपंकर- प्रज्ञा ठाकुर को बेल ताे लालू यादव को क्यों नहीं?
भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने पटना में कहा कि भाजपा के पास देश में सांप्रदायिक उन्माद और उसके जरिए ध्रुवीकरण करने के अलावा कोई दूसरा एजेंडा नहीं है।वे लालू पर भी बोले।
पटना, राज्य ब्यूरो। भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने शुक्रवार को बिहार की राजधानी पटना में कहा कि भाजपा के पास देश में सांप्रदायिक उन्माद और उसके जरिए ध्रुवीकरण करने के अलावा कोई दूसरा एजेंडा नहीं है। तीन चरणों के मतदान के बाद भाजपा की हार तय हो गई है। चुनाव जनता के मुद्दों पर है, लेकिन नरेंद्र मोदी किसी भी मुद्दे पर बात नहीं कर रहे हैं। जब उनके नाम पर बनी फिल्म का प्रदर्शन रोक दिया गया तो अब इंटरव्यू के जरिए प्रचार करा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब प्रज्ञा ठाकुर को बेल मिल सकती है, तो फिर लालू प्रसाद यादव को क्यों नहीं? दीपंकर के पत्रकार सम्मेलन में माले के सचिव कुणाल, केडी यादव, अमर, विधायक दल के नेता महबूब आलम, रामजी राय मौजूद थे।
चुनाव आयोग पर उठाया सवाल
दीपंकर ने चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली हैरान करने वाली है। भाजपा के लिए अलग 'कोड आफ कंडक्ट' है और विपक्ष के लिए दूसरा। भाजपा के नेता लगातार आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं। भाजपा उम्मीदवार गिरिराज सिंह कह रहे हैं कि हरे रंग को प्रतिबंधित करना चाहिए। वे अल्पसंख्यकों को धमकी देते हैं कि यदि दो गज जमीन चाहिए तो वंदे मातरम कहना होगा, लेकिन चुनाव आयोग ऐसे गंभीर मसलों पर कोई नोटिस नहीं ले रहा। चुनाव आयोग को इन नफरत भरे बयानों पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
नीतीश कुमार पर लगाया आरोप
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने न केवल जनादेश का अपमान किया है, बल्कि भाजपा को बिहार में सांप्रदायिक दंगा, मॉब लिंचिंग की घटनाओं को बढ़ावा देने का खुलकर मौका दिया है। सिवान से हिन्दू युवा वाहिनी चुनाव लड़ रही है। वहां गोरखपुर मॉडल लाने की कवायद हो रही है, लेकिन इसे चलने नहीं दिया जाएगा।
लालू से बेटे को मिलने नहीं दिया जा रहा
दीपंकर ने कहा कि संघी आतंकवाद की प्रतीक प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बीमारी का बहाना बनाकर बेल दिलवाई गई और उन्हें भोपाल से भाजपा चुनाव लड़वा रही है, वह सीधे-सीधे कानून का उल्लंघन है। दूसरी ओर सचमुच में कई गंभीर बीमारियों से परेशान लालू प्रसाद यादव को बेल नहीं दी जा रही। उन्हें उनके परिवार के किसी सदस्य से मिलने तक नहीं दिया जा रहा है। बेटे तेजस्वी को भी अस्पताल के गेट पर से लौटा दिया। यह सत्ता का दोहरा मानदंड है।