दीघा से दीदारगंज जानें छठ पर पटना के किस घाट पर क्या हैं इंतजाम
छठ पूजा के लिए घाट तैयार हो गए हैं। इस बार कलेक्ट्रेट से दीघा तक सभी घाटों से समानांतर सड़क का जुड़ाव किया गया है। घाट के किनारे रंगबिरंगी लाइटों से भी घाट को जगमग करने की तैयारी है।
पटना [जेएनएन]। गंगा घाट व्रतियों के अघ्र्य देने के लिए तैयार हो गया है। अलग-अलग घाटों के पास वाहन पार्किंग की व्यवस्था भी हो गई है। घाट और रास्ते में रोशनी की भरपूर व्यवस्था है। अगर आप घाट पर अघ्र्य देने या पूजा करने जा रहे हैं तो इस खबर में आपको घाटों की व्यवस्था से रूबरू कराया जा रहा है।
गंगा घाट के हर कदम पर दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, पुलिस बल, पूजा समितियों के सदस्य मौजूद हैं। कलेक्ट्रेट से दीघा के बीच गंगा की तरफ अशोक राजपथ के समानांतर एक चौड़ी सड़क बनाई गई है। ये सड़क भी लाइट से जगमगा रही है। श्रद्धालु इस सड़क का इस्तेमाल घाट तक पहुंचने के लिए करेंगे।
शिवा घाट से 150 मीटर पर अघ्र्य देने की व्यवस्था
गंगा पश्चिम की तरफ दीघा में शिवा घाट और पाटीपुल घाट से शहर से दूर होते जाती दिख रही हैं। मुख्य सड़क से आधा किमी पर ये दोनों घाट हैं, जबकि दीघा-सोनपुर ओवरब्रिज मुख्य सड़क से सटा हुआ है। शिवा घाट 150 मीटर तथा पाटीपुल घाट पर 300 मीटर तक नदी के पाट पर अघ्र्य देने की व्यवस्था की गई है। इसके बगल में 300 मीटर के पाट वाला मीनार घाट है। यह भी मुख्य सड़क से आधा किलोमीटर की दूरी पर है। ये घाट थोड़ा खड़ा है। बिंद टोली घाट, दीघा-सोनपुर ब्रिज के पश्चिम भाग में है। 200 मीटर लंबा गंगा का पाट है। यह घाट भी मुख्य सड़क से आधा किमी दूरी पर है।
घाट के आधा किलोमीटर वाहन करें पार्क
दीघा ओवरब्रिज के पूर्व में दीघा 98 से लेकर संत माइकल हाई स्कूल के बगल की गली गेट संख्या 83 के बीच में मुख्य सड़क से डेढ़ किमी दूरी पर गंगा तट है। दोनों घाट मिलाकर डेढ़ किलोमीटर लंबा गंगा का पाट है। यहां गंगा समतल हैं। यहां श्रद्धालुओं को कोई खतरा नहीं है। गंगा तट से आधा किलोमीटर पहले वाहन पार्किंग स्थल बना है। इस घाट पर जाने के कई रास्ते हैं। गेट संख्या 93 और 83 से वाहन अंदर की तरफ जाएंगे तथा अन्य गेटों से घाट पर जाने की व्यवस्था है।
कुर्जी से दो किमी पर गंगा घाट
दीघाघाट के बाद बालू पर घाट है। यहां पैदल जाने की व्यवस्था है। डेढ़ किलोमीटर दूरी पर है। कुर्जी मोड़ से भी यहां जाने की व्यवस्था है। कुर्जी मोड़ से वाहन से जाने की व्यवस्था है। यहां से करीब दो किलोमीटर दूरी पर बालू घाट है, जबकि कुर्जी मोड़ घाट और एलसीटी घाट को खतरनाक घोषित कर दिया गया है। राजापुर पुल और पहलवान घाट जाने का रास्ता अलग-अलग है। दोनों घाट मुख्य सड़क से दो किलोमीटर की दूरी पर हैं। दोनों घाटों पर गंगा का पाट 200-200 मीटर का है।
बांस घाट से पैदल भी जाएं और वाहन से भी
बांसघाट, मुख्य सड़क से तीन किलोमीटर की दूरी पर है। 60 फीट चौड़ी सड़क बनाई गई है। घाट के पहले वाहन पार्किंग स्थल बना है। घाट का पाट 1.8 किमी लंबा है। यहां बांस घाट यानी काली मंदिर से अंदर वाहन या पैदल प्रवेश करना है। चौड़ी सड़क बनाई गई है।
बांस घाट के रास्ते कलेक्ट्रेट और महेंद्रू तक जाएंगे वाहन
कलेक्ट्रेट और महेंद्रू घाट का दो किलोमीटर लंबा पाट है। दो किलोमीटर पैदल चलकर इस घाट पर पहुंचा जा सकता है। वाहन वाले बांसघाट के रास्ते घाट के नजदीक चले जाएंगे। यहां गांधी मैदान जैसा नजारा मिलेगा। फैल जाना है। इस घाट पर पैदल आने वाले कारगिल चौक के रास्ते कलेक्ट्रेट घाट होते हुए गंगा तट पर आएंगे या महेंद्रू घाट से गंगा तट पर आएंगे। गांधी मैदान में वाहन पार्किग करके जाना है। दो किलोमीटर से अधिक दूरी यहां से पड़ेगी। कलेक्ट्रेट और महेंद्रू घाट से चौड़ी सड़क का निर्माण किया गया है।
कालीघाट पर विशेष इंतजाम से लाई गई हैं गंगा
महेंद्रू घाट के बाद सीधे कालीघाट पर अघ्र्य की व्यवस्था की गई है। कालीघाट पर गंगा सटते हुए निकल जा रही हैं। जल संसाधन विभाग और जिला प्रशासन ने कालीघाट पर गंगा के पानी को लाने तथा सफाई कर पानी को स्वच्छ बनाया है। इसके बाद दीदारगंज तक गंगा पटना शहर में सटी हुई हैं। पाटीपुल घाट के बाद भी गंगा शहर में सटी हुई हैं।
दीघा गेट 93 के पास है ऊंचाई, कैसे जाएंगे वाहन
दीघा गेट संख्या 93 के रास्ते मुख्य सड़क से गंगा की तरफ जाने में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। गेट के पास काफी ऊंचाई है। गाडिय़ों को जाने में परेशानी हो सकती है।