PNB SCAM का बिहार के हीरा उद्योग पर असर, फीकी पड सकती चमक
देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाला (पीएनबी स्कैम) के बाद बिहार में हीरे की चमक फीकी पड़ सकती है। यहां के इकलौते हीरातराशी केंद्र में उत्पादन पहले से ही ठप है।
पटना [दिलीप ओझा]। हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चौकसी के फ्रॉड से समूचे देश के हीरा उद्योग में भूचाल आ गया है। इसका असर बिहार के हीरा उद्योग पर भी दिखाई दे सकता है। फिलहाल बिहार के इकलौते हीरातराशी केंद्र में डेढ़ साल से उत्पादन ठप है। इसके चालू होने की राह और कठिन हो गई है। साथ ही बिहार के डायमंड ज्वेलरी बाजार का दायरा भी सिमट सकता है।
कैसे होगा असर
जानकारों का मानना है कि इन दोनों हीरे के व्यवसायियों का बैंक से फ्रॉड करने का दूरगामी असर होगा। बैंकिंग सेक्टर अब फूंक-फूंककर कदम रखेगा। इससे हीरा उद्योग को बैंकों से रुपया हासिल करने में मुश्किल आ सकती है। बिहार प्रोविंसियल बैंक इम्पलाईज एसोसिएशन के सचिव संजय तिवारी ने कहा कि हीरा उद्योग को लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी करने अथवा लोन देने में बैंकिंग सेक्टर अब विशेष सतर्कता बरतेगा। लूपहोल पर भी पैनी नजर रहेगी।
हालांकि, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के वरीय उपाध्यक्ष डॉ. कुमार अरविंद ने कहा कि फ्रॉड हुआ है, पर यह लोन नहीं है। इस वजह से बैंकिंग साख को नुकसान नहीं पहुंचेगा, ग्राहक भी प्रभावित नहीं होंगे। पटना स्थित पीसीजे ज्वैलर्स के शोरूम प्रबंधक रवि डी राडिया ने कहा कि हीरा बाजार पर तात्कालिक असर हो सकता है। बाजार पांच फीसद तक डाउन हो सकता है। हालांकि एक-दो घटनाओं से बैंक और उद्योग जगत का भरोसा नहीं टूटता।
हीरातराशी केंद्र के चालू होने में बाधा
पटना के पाटलिपुत्र इंडस्ट्रियल एरिया में बिहार का इकलौता हीरातराशी केंद्र है। यह श्रेन्यूज एंड कंपनी का है जिसके मालिक श्रेयस दोषी हैं। बिहार की ब्रांडिंग करने वाली इस फैक्ट्री में करीब डेढ़ साल से उत्पादन ठप है। पिछले दिनों फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से कहा गया था कि आने वाले दिनों में इसे चालू किया जाएगा। बाद में कहा गया कि इस फैक्ट्री सहित अन्य मदों के लिए बैंक के पास लोन प्रस्ताव दिया गया है।
ताजा जानकारी के मुताबिक अब तक यह लोन प्रस्ताव स्वीकृत नहीं हुआ है। जाहिर है इस केंद्र के चालू होने की राह अब और मुश्किल भरी हो गई है।