मधुमेह और बीपी की दवाओं की होने लगी किल्लत
मधुमेह और बीपी की दवाओं की होने लगी किल्लत
पटना। गली-मोहल्लों के मेडिकल स्टोर में ब्लड प्रेशर, मधुमेह, मनोरोग और किडनी जैसे रोगों की दवाओं की किल्लत हो गई है। आलम यह है कि चार दवाओं के लिए दस से अधिक दुकानों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। हालांकि औषधि विभाग के सहायक औषधि नियंत्रक विश्वजीत दास गुप्ता और बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष परसन कुमार सिंह का दावा है कि प्रदेश में दवाओं की कोई कमी नहीं है। फुटकर दुकानदारों की कम-कम मात्रा दवा लेने और खत्म होने पर अगले दिन दोबारा खरीदने की प्रवृत्ति इस परेशानी का कारण है। मेडिकल स्टोर संचालकों का दर्द :
किदवईपुरी स्थित मेडिकल स्टोर के संचालक ने बताया कि लॉक डाउन के कारण आजकल लोग घर से न के बराबर निकल रहे हैं। अधिकांश लोग जिनकी दवाएं नियमित चलती हैं, उन्होंने पर्याप्त मात्रा में पहले ही खरीद ली हैं, इसलिए वे लोग दुकानें काफी कम समय के लिए खोलते हैं। जो दवाएं खत्म हो रही हैं, उन्हें लेने थोक मंडी गोविंद मित्रा रोड नहीं जा रहे हैं। इससे दवाओं की किल्लत हो रही है।
बीसीडीए अध्यक्ष परसन कुमार सिंह ने बताया कि जिन्हें मोहल्ले में दवा नहीं मिल रही हो वे रविवार को छोड़कर गोविंद मित्रा रोड आएं, यहां बाई लेन में कई बड़ी दुकानें रिटेल में भी दवाएं बेच रही हैं। यहां उन्हें 16 प्रतिशत तक की छूट भी मिलती है। औषधि विभाग दुकानदारों व कर्मचारियों को दे रहा पास
पटना : गोविंद मित्रा रोड के दुकानदारों के अनुसार पुलिस के दुर्व्यवहार के कारण उनके कर्मचारी दुकानों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इस वजह से दवा का कारोबार प्रभावित हुआ है। पटना के ड्रग लाइसेंसिंग अथॉरिटी विश्वजीत दास गुप्ता ने बताया कि दवा व्यवसाय में कोई व्यवधान नहीं हो इसलिए जिलाधिकारी ने उन्हें दवा व्यवसायियों व उनके कर्मचारियों के लिए पास निर्गत करने का अधिकार दिया है। पास होने के बावजूद भी यदि पुलिस कहीं परेशान करती है तो वह खुद अधिकारियों से बात कर उसका समाधान करा रहे हैं।