एक अक्टूबर से सभी बालूघाटों पर होगा धर्मकांटा व सीसीटीवी कैमरे
खान एवं भूतत्व विभाग ने बालू की ढुलाई करने वाले वाहनों में ओवरलोडिंग को नियंत्रित करने की कवायद शुरू हो गई।
पटना। खान एवं भूतत्व विभाग ने बालू की ढुलाई करने वाले वाहनों में ओवरलोडिंग को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए हैं। सभी बालूघाटों को धर्मकांटा से टैग करना अनिवार्य कर दिया है। अब एक अक्टूबर से उन्हीं बालूघाटों से बालू के उठाव के लिए ई-चालान निर्गत किया जाएगा जो धर्मकांटे से टैग होंगे।
इतना ही नहीं, विभाग ने बालूघाटों पर स्थापित होने वाले धर्मकांटा के इंट्री व एक्जिट प्वाइंट पर सीसीटीवी कैमरे को भी अनिवार्य कर दिया है। ताकि बालू की ढुलाई करने वाले सभी वाहनों के वजन की जानकारी हो सके। साथ ही वाहनों में ओवरलोडिंग की समस्या खत्म की जा सके। खान निदेशक असंगबा चुबा आओ ने कहा कि मानसून समाप्ति के बाद राज्य के सभी बालूघाटों को धर्मकांटा और सीसीटीवी से लैस किया जा रहा है। जिस बालूघाट पर धर्मकांटा नहीं होगा, उस घाट को पास के किसी अन्य घाट के धर्मकांटा से जोड़ जा रहा है। इन धर्मकांटों को विभागीय सिस्टम से भी जोड़ा जा रहा है।
दरअसल, विभाग का मानना है कि बालू के उठाव से लेकर परिवहन तक की व्यवस्था को सुचारू करके ही राज्य को बालू संकट से मुक्ति दिलाई जा सकती है। साथ ही इसकी कीमत को भी नियंत्रित किया जा सकता है। धर्मकांटा से चालान जारी करने के पीछे भी विभाग का यही तर्क है कि इससे बालू को गंतव्य तक पहुंचने में कोई समस्या नहीं होगी और जांच के नाम पर बालू की ढुलाई करने वाले वाहनों को रोका नहीं जाएगा। बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों के अनुसार राज्य में एक जुलाई से लेकर 30 सितंबर तक सभी नदियों से बालू का खनन प्रतिबंधित रहता है।