बिहार में पूरे साल लटका रहा रामायण सर्किट का विकास, अब केंद्र देगा 40 करोड़
2018 में बिहार में रामायण सर्किट के विकास का मामला फाइलों में उलझा रहा। केंद्र सरकार ने बिहार के 103 करोड़ के प्रस्ताव में भारी कटौती कर दी। नए साल में इस दिशा में उम्मीद जगी है।
पटना [जेएनएन]। बीतते साल 2018 में बिहार में रामायण सर्किट के स्थलों के विकास का मामला लटका रहा। राज्य ने इसके लिए 103 करोड़ मांगे हैं, जबकि केंद्र ने प्रगस्ताव में कटौती कर इसे 37 करोड़ कर दिया है। केंद्र ने इसका विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डीपीआर) दूसरी बार संशोधन कर मांगा। राज्य सरकार ने कम से कम 40 करोड़ की मांग के साथ नया डीपीआर पर्यटन मंत्रालय भेज दिया है। पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार को उम्मीद है कि उसे स्वीकृति मिल जाएगी।
विदित हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल से रामेश्वरम तक रामायण सर्किट के विकास की घोषणा की थी। इसके तहत बिहार से भगवान राम व माता सीता से जुड़े स्थलों के विकास के लिए ‘स्वदेश दर्शन योजना’ के तहत डीपीआर मांगी गयी थी।
पूरे साल इस तरह लटका रहा मामला
पर्यटन विभाग ने बीते फरवरी में ही डीपीआर बनाकर भेज दिया था। लेकिन पर्यटन मंत्रालय ने उसमें कुछ संशोधन कर दोबारा भेजने का निर्देश दिया तो अप्रैल में 103 करोड़ का संशोधित डीपीआर भेजा गया। इसके बाद सितंबर में पर्यटन मंत्रालय के विशेषज्ञों की एक टीम ने प्रस्तावित स्थलों का का दौरा किया। बताया जाता है कि उसने अपनी रिपोर्ट में कई प्रस्तावित खर्चों को अनावश्यक बता दिया।
इसके बाद केंद्र सरकार ने दिसंबर में खर्चे में कटौती करते हुए उसे 37 करोड़ कर दिया तथा राज्य सरकार से संशोधित डीपीआर मांगा। डीपीआर में भेजे गए सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी व बक्सर से जुड़े सात स्थलों के विकास प्रस्तावों को तो पूरी तरह खारिज ही कर दिया।
10 जनवरी को मिलेंगे केंद्र व राज्य के पर्यटन मंत्री
बहरहाल, बिहार सरकार ने 40 करोड़ की मांग करते हुए नया डीपीआर इसी सप्ताह केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय को भेज दिया है। इसे लेकर राज्य के पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) केजे अल्फॉन्स से मुलाकात करने वाले हैं। उन्होंने इसके लिए 10 जनवरी को समय मांगा है।
रामायण सर्किट से जुड़े स्थल, एक नजर
- बिहार: सीतामढ़ी, बक्सर, दरभंगा, मधुबनी
- उत्तर प्रदेश: अयोध्या, श्रृंगवेरपुर, चित्रकूट
- बंगाल: नंदीग्राम
- ओडिशा: महेंद्रगिरि
- मध्य प्रदेश: चित्रकूट
- छत्तीसगढ़: जगदलपुर
- महाराष्ट्र: नासिक, नागपुर
- कर्नाटक: हंपी
- तेलंगना: भद्रावत
- तमिलनाडु: रामेश्वरम