पटना के डिप्टी मेयर की गई कुर्सी, अविश्वास प्रस्ताव में मिले सिर्फ चार वोट Patna News
कई दिनों से चल रही जद्दोजहद के बीच मंगलवार को बांकीपुर अंचल में पार्षदों ने विशेष बैठक में डिप्टी मेयर विनय कुुमार पप्पू के अविश्वास प्रस्ताव में बाहर का रास्ता दिखा दिया।
पटना, जेएनएन। डिप्टी मेयर विनय कुमार पप्पू पटना नगर निगम के पार्षदों का विश्वास नहीं जीत सके। विश्वास मत हासिल नहीं कर पाने के कारण उन्हें अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। उनके विरोध में 40 पार्षदों ने वोट डाला, जबकि समर्थन में महज चार वोट मिले। चार पार्षदों ने वोटिंग का बहिष्कार किया तो तीन पार्षदों के वोट अमान्य हो गए।
मंगलवार की दोपहर निगम के बांकीपुर अंचल में सबसे पहले डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई। वोटिंग के लिए कुल 75 पार्षदों में से 51 पार्षद ही पहुंचे। वार्ड 38 के पार्षद आशीष सिन्हा और वार्ड 48 के पार्षद इंद्रजीत चंद्रवंशी ने डिप्टी मेयर को पद से हटाये जाने को लेकर अपना पक्ष रखा। इसके बाद विनय कुमार पप्पू ने अपनी सफाई दी। फिर मतदान हुआ, जिसमें लगभग एक तरफा वोटिंग में 36 वोटों से हाकर विनय कुमार पप्पू को कुर्सी गंवानी पड़ी। वार्ड 32 की पिंकी यादव, वार्ड 29 की अर्चना यादव और वार्ड 13 के पार्षद जीत कुमार के साथ खुद वार्ड 28 के पार्षद विनय कुमार पप्पू ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
रिजल्ट घोषित होने ही विरोधी गुटों के पार्षदों ने जीत की खुशी में जिंदाबाद के नारे लगाए, जबकि डिप्टी मेयर चुपचाप सदन से बाहर निकल गए। उनके साथ पार्षद पिंकी यादव, अर्चना राय और जीत कुमार भी थे।
कहते हैं कुर्सी गंवाने वाले विनय पप्पू
पूर्व डिप्टी मेयर विनय कुमार पप्पू कहते हैं कि सभी पार्षदों का शुक्रिया जिनके समर्थन से दो सालों तक डिप्टी मेयर रहा। अपने कार्यकाल में हमेशा निगम हित और जन सरोकार के मुद्दे उठाए। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद की। अब अपने वार्ड 28 की जनता की सेवा करूंगा।
कहती हैं मेयर सीता साहू
पिछले दो सालों से डिप्टी मेयर के पद पर रहते हुए विनय कुमार पप्पू निगम के विकास में बाधक बने हुए थे। स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग में कुछ बोलते, बोर्ड में कुछ और वहां से बाहर निकलते ही कुछ और बयानबाजी करते थे।
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