सुशील मोदी बोले- कर्ज चुकाने में अव्वल है बिहार, ईमानदार होते हैं यहां के लोग
राजधानी पटना में गुरुवार को 45 माइक्रो संस्थाओं के प्रतिनिधि जुटे थे। प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी बोले- बिहार के लोग ईमानदार होते हैं।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में काम कर रही माइक्रो फाइनेंस का परफारमेंस तमिलनाडु और कर्नाटक के बाद तीसरे स्थान पर है। यहां रिकवरी दर देश में सबसे बेहतर है। उन्होंने कहा बिहार के गरीब ईमानदार हैं, यही वजह है कि महाराष्ट्र और तमिलनाडु में जहां माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं की एनपीए दर 7 प्रतिशत है, वहीं बिहार में यह मात्र 0.3 प्रतिशत ही है।
सुशील मोदी गुरुवार को मुख्य सचिवालय स्थित सभाकक्ष में बिहार में कार्यरत 45 माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं के प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे। बैठक में मौजूद संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने बताया कि बिहार के 40 लाख लोगों को 13 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज और 10 हजार लोगों को रोजगार मुहैया कराया गया है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 में 32 संस्थाओं द्वारा राज्य के 39 लाख लोगों को 7,991 करोड़ का ऋण दिया गया। 20 से 25 प्रतिशत ब्याज दर होने के बावजूद इनकी रिकवरी दर 99.7 प्रतिशत है। वहीं बैंकों द्वारा राज्य के आठ लाख 72 हजार स्वयं सहायता समूह को मात्र 4 प्रतिशत ब्याज दर पर दिए गए 8,281 करोड़ के ऋण की वापसी दर भी 98 से 99 प्रतिशत है।
उपमुख्यमंत्री मोदी ने कहा कि आरबीआई कानून से नियंत्रित माइक्रो फाइनेंस संस्थाएं चिट फंड कम्पनियों से बिल्कुल अलग हैं। ये जमा नहीं लेती, बल्कि जरूरतमंदों को कर्ज देती हैं। इनकी वजह से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के गरीबों को बिना किसी मॉरगेज के 25 से 40 हजार तक के छोटे कर्ज आसानी से मिल जाते हैं जो उनकी आमदनी बढ़ाने में मदद करता है।
बैठक में वित्त विभाग के प्रधान सचिव डा. एस. सिद्धार्थ, नाबार्ड के सीजीएम अमिताभ लाल, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविन्द चौधरी और महिला विकास निगम की निदेशक एन विजय लक्ष्मी मौजूद थी।