योग्य छात्र-छात्राओं की ही सूची दें प्राचार्य
शिक्षा विभाग के निर्देश पर सोमवार को राजेंद्रनगर हाईस्कूल में जिला शिक्षा अधिकारी ने बैठक की।
पटना । शिक्षा विभाग के निर्देश पर सोमवार को राजेंद्रनगर हाईस्कूल में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा बुलाई गई बैठक में जिले के 256 हाईस्कूलों के प्राचार्यो ने भाग लिया। बैठक में कुल 300 प्राचार्यो को बुलाया गया था। बैठक में शामिल होने वाले प्राचार्यो को जिला शिक्षा अधिकारी ने निर्देश दिया कि पूर्व में की गई गलतियों को सुधार लें, वर्ना कठोर कार्रवाई के लिए तैयार हो जाएं। सोमवार की समीक्षा बैठक में पाया गया कि 49 हाईस्कूलों के प्राचार्यो ने सौ प्रतिशत छात्रों की उपस्थिति भेजी है। इसके अलावा अधिकांश स्कूलों के प्राचार्यो ने 60 फीसद उपस्थिति की रिपोर्ट सरकार को भेजी है।
नामांकित छात्रों एवं लाभुकों की सूची समान
राज्य सरकार को स्कूलों द्वारा भेजी गई सूची में एक बात स्पष्ट हो गई है कि अधिकांश प्राचार्यो ने नामांकित छात्रों की सूची ही लाभुकों की सूची बनाकर भेज दी है। प्राचार्यो ने विभाग को सूची भेजते समय इस बात का ख्याल नहीं रखा कि उपस्थिति पर ध्यान दिया जाए।
अब तक क्यों सोई थी सरकार
प्राचार्यो ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए सवाल उठाया कि पूर्व के वर्षो में भी इसी तरह की सूची शिक्षा विभाग को भेजी जा रही थी तो सरकार क्यों सोई थी? इस वर्ष आखिर सरकार को क्यों याद आ रहा है? अगर एक ही विद्यालय के कुछ छात्रों को साइकिल-पोशाक की राशि दी जाएगी और कुछ को नहीं तो स्कूल में मारपीट की घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
मंगलवार को रिपोर्ट सरकार को भेज दी जाएगी
जिला शिक्षा अधिकारी ज्योति कुमार का कहना है कि सोमवार को आयोजित समीक्षा बैठक की रिपोर्ट मंगलवार को शिक्षा विभाग को सौंप दी जाएगी। उसके बाद सरकार आगे की कार्रवाई का निर्णय लेगी।
स्पष्टीकरण को लेकर प्राचार्यो में रहा हड़कंप
शिक्षा विभाग के निर्देश पर प्राचार्यो द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण से दिनभर हड़कंप मचा रहा। हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारी प्राचार्यो को सूची में संशोधन करने का निर्देश देते रहे। उन्होंने कहा कि अगर प्राचार्य सूची में संशोधन कर दोबारा भेज देते हैं तो नई सूची ही विभाग को भेजी जाएगी।
क्या था मामला
हाईस्कूल के प्राचार्यो द्वारा इस वर्ष साइकिल एवं पोशाक की राशि के लिए जो सूची शिक्षा विभाग को भेजी गई है, वह विभागीय जांच में फर्जी पाई गई है। सरकार द्वारा पूर्व में बनाए गए नियमों के अनुसार 75 फीसद उपस्थित वाले छात्र-छात्राओं को ही योजनाओं का लाभ देना है। एक तरफ स्कूल के प्राचार्यो का कहना है कि विद्यालय में 60 फीसद से अधिक छात्रों की उपस्थिति 75 फीसद है। वहीं, शिक्षा विभाग की जांच में मात्र 30 फीसद बच्चों की ही उपस्थिति 75 फीसद पाई गई।