Move to Jagran APP

राजधानी के फुलवारीशरीफ में डेंगू ने कसा शिकंजा

- मिनहाज नगर इंदिरा नगर ताज नगर और कर्बला में डेंगू मछरों का कहर - 24 से अधिक जांच में औसतन 16-17 रोगी मिल रहे निजी लैब में - 40 लोगों में डेंगू होने की सूचना है विभाग के पास - 12 मामलों की एलाइजा जांच में चिकनगुनिया की हुई पुष्टि -------------- जागरण संवाददाता पटना

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 01:23 AM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 01:23 AM (IST)
राजधानी के फुलवारीशरीफ में डेंगू ने कसा शिकंजा
राजधानी के फुलवारीशरीफ में डेंगू ने कसा शिकंजा

पटना । डेंगू और कोरोना के लक्षण भले समान हों, लेकिन उपचार इतना उल्टा है कि डॉक्टरों की एक चूक मरीज की जान ले सकती है। बावजूद इसके एलाइजा रीडर और एंटीजन किट से जांच की जिच में डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छरों की रोकथाम के उपाय नहीं किए जा रहे हैं। नतीजतन, डेंगू का शिकंजा कसता जा रहा है। फुलवारीशरीफ के चार मोहल्लों, इंदिरा नगर, कर्बला, ताज नगर और मिनहाज नगर में हर दिन 16 से 17 लोग डेंगू की चपेट में आ रहे हैं। यह सिर्फ एक निजी लैब के आंकड़े हैं जहां हर दिन दो दर्जन के आसपास लोग इसकी जांच कराने पहुंच रहे हैं। एलाइजा से जांच के बाद भी नहीं हुई फॉगिंग :

loksabha election banner

अब तक जिले में करीब दो सौ लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग के पास डेंगू के 40 और चिकनगुनिया के 12 मामलों की ही सूचना है। हद यह कि इन रोगियों के मोहल्लों में भी न तो फॉगिंग कराई गई और न ही एंटी लार्वा दवा का छिड़काव किया गया। जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. शंभूशरण सिंह ने बताया कि निगम के साथ फॉगिंग कराने का समझौता हुआ है। डेंगू पॉजिटिव रोगियों के पते की सूची निगम को भिजवा दी गई है।

फुलवारीशरीफ पीएचसी प्रभारी डॉ. राजकिशोर चौधरी को क्षेत्र में डेंगू फैलने की जानकारी है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में छिटपुट रोगी पहुंच रहे हैं। वहीं, एक निजी पैथालॉजी के संचालक डॉ. निसार अहमद ने बताया कि हर दिन सिर्फ उनकी लैब में दो दर्जन से अधिक बुखार पीड़ित डॉक्टरों की सलाह पर डेंगू की जाच करा रहे हैं। विगत कई दिनों से हर दिन 16 से 17 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। इनमें से मिनहाज नगर, इंदिरा नगर ताज नगर व कर्बला के ज्यादा लोग हैं। खतरा बढ़ने की आशंका में एनएमसीएच ने बनाया वार्ड :

बताते चलें कि स्वास्थ्य विभाग सिर्फ एलाइजा रीडर से डेंगू पुष्टि को ही मान्यता देता है। सरकारी संस्थानों में सिर्फ पीएमसीएच व आरएमआरआइ में ही एलाइजा जाच हो रही है। वहीं निजी लैब में अधिकांश एंटीजन किट से जांच कर रहे हैं। इस बीच डेंगू रोगियों की संख्या बढ़ते देख एनएमसीएच ने दस बेड का विशेष डेंगू वार्ड बुधवार को ही शुरू किया है। बताते चलें कि 2019 में प्रदेश में 6665 डेंगू के मामले मिले थे और 49 से अधिक की मौत हुई थी। इनमें से 5000 मामले सिर्फ पटना के थे। ये 12 इलाके पहले से खतरे की जद में :

राजधानी के बाईपास, ट्रासपोर्ट नगर जैसे इलाके जहा खाली प्लाटों की संख्या अधिक है, वहा पानी जमा होने से डेंगू समेत अन्य मच्छरजनित रोगों का खतरा अधिक है। स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे 12 इलाके गत वर्ष चिह्नित किए थे। इनमें ट्रासपोर्ट नगर, कंकड़बाग, मीठापुर, मैनपुरा, राजेंद्र नगर, कृष्णा नगर, राजीव नगर, महेंद्रू, बाजार समिति, पत्थर की मस्जिद, खाजेकला, इंद्रपुरी प्रमुख थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.